Maratha Reservation Protest: शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल ने चेतावनी दी कि कम से कम तीन करोड़ (30 मिलियन) मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए दबाव बनाने के लिए 20 जनवरी से मुंबई की घेराबंदी करेंगे. जरांगे-पाटिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा,“20 जनवरी से, लोग पूरे महाराष्ट्र में अपने कस्बों और गांवों को छोड़ देंगेे, वे पैदल, बसों, बड़े और छोटे वाहनों या ट्रैक्टरों में आएंगे. यह एक शांतिपूर्ण मार्च होगा, कोई भी पत्थर नहीं उठाएगा या हिंसा का सहारा नहीं लेगा.”
जरांगे ने दी चेतावनी
उन्होंने अपने समर्थकों से बिना किसी डर के परिवहन के किसी भी उपयुक्त साधन के साथ देश की वाणिज्यिक राजधानी तक पहुंचने का आह्वान किया, और कहा "चिंता न करें, आपके वाहनों को जब्त नहीं किया जाएगा." जारांगे-पाटिल भी जालना में अपने गांव अंतरवली-सरती से मुंबई के लिए पैदल यात्रा शुरू करेंगे, जो लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, रास्ते में लाखों लोगों के उनके साथ शामिल होने की उम्मीद है, दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा जहां वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
मनोज जरांगे का पलटवार
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर मार्च करने वालों या उनके वाहनों को कहीं भी रोका गया, तो हजारों मराठा जाएंगे और मुंबई और नागपुर में उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के घरों को घेर लेंगे. वह मुंबई में सभा को किस आधार पर संबोधित करेंगे, इस पर जारांगे-पाटिल ने पलटवार करते हुए कहा कि "हमें सभी मैदानों पर कब्जा करने की आवश्यकता होगी" क्योंकि पूरे महाराष्ट्र से तीन करोड़ मराठों के यहां आने की उम्मीद है. लगभग 1.50 करोड़ की आबादी के साथ, मुंबई में आज़ाद मैदान, ओवल मैदान, क्रॉस मैदान, छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क, बीकेसी मैदान, चौपाटी और जुहू समुद्र तट जैसे कुछ अन्य स्थानों सहित बमुश्किल आधा दर्जन विशाल खुले मैदान हैं, जिनका उपयोग ऐसे सार्वजनिक आयोजनों के लिए किया जाता है.
आरक्षण को बताया अपना लक्ष्य
जारांगे-पाटिल ने अपनी विशिष्ट मृदुभाषी शैली में कहा, “लक्ष्य आरक्षण है, दिशा मुंबई है, हम मुंबई जा रहे हैं, यानी हम वहां जा रहे हैं, अब कोई रुकना नहीं है. और हम कोटा लेकर वापस आएंगे.'' उन्होंने अपने सभी समर्थकों और मराठों से सरकार को समुदाय की ताकत और एकता दिखाने के लिए पूरे राज्य में "सभी मतभेदों को दूर करने और अपने घरों से शुरुआत करने" का आह्वान किया. अगस्त से आंदोलन कर रहे जारांगे-पाटिल ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को कोटा घोषित करने के लिए पर्याप्त समय दिया है, और "अब, हम एक घंटा भी अतिरिक्त नहीं देंगे", सरकार से जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया.
अंतिम सांस तक लड़ने की तैयारी
वह पिछले हफ्ते विधानसभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयान का जिक्र कर रहे थे कि सरकार फरवरी 2024 में विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाएगी और आरक्षण की घोषणा करेगी, लेकिन मराठों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. जारांगे-पाटिल ने अपनी मांग दोहराई कि योग्य मराठों को ओबीसी कोटा का हकदार बनाने के लिए कुनबी जाति (ओबीसी) प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए, और समुदाय के लिए आरक्षण पाने के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ने की कसम खाई.