Maharashtra News: एक्टिविस्ट मनोज जरांगे (Manoj Jarange) इन दिनों मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एकबार फिर अनशन पर हैं. जबकि राज्य सरकार की ओर से मान-मनौव्वल की कोशिश चल रही है. इस बीच जरांगे और सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को खास पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का फैसला किया है. इन दोनों को 'मराठा भूषण' सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है. इसके अलावा मथाडी नेता नरेंद्र पाटिल (Narendra Patil) को भी यह सम्मान दिया जाएगा. यह जानकारी आयोजकों ने गुरुवार को दी.
यह पुरस्कार हर साल मराठा समुदाय की प्रमुख हस्तियों को दिया जाता है. ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मराठा क्रांति मोर्चा के अध्यक्ष रमेश अंबरे ने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे, मनोज जरांगे और नरेंद्र पटेल को 19 फरवरी को शिवाजी की जयंती के अवसर पर ठाणे में यह पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण की मांग कर रहे एक्टिविस्ट मनोज जरांगे इस समय जालना जिले के अपने गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. ऐसे में उन्हें ऑनलाइन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
आयोजक ने बताई सीएम शिंदे को चुनने की वजह
दूसरी तरफ शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारांगे के विरोध के बारे में भी रमेश अंबरे ने बात की और कहा कि सरकार अभी तक मांग पूरी नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि देखते हैं कि 20 फरवरी को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में क्या होता है. जब रमेश अंबरे से पूछा गया कि अगर वे सरकार से खुश नहीं हैं तो फिर उन्होंने सीएम एकनाथ शिंदे को पुरस्कार के लिए क्यों चुना तो उन्होंने कहा कि वह सीएम के रूप में नहीं बल्कि मराठा होने के नाते सम्मानित किए जाएंगे. उधर, मनोज जरांगे के आंदोलन का आज छठा दिन है लेकिन वह अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने बीते दिनों यह चेतावनी दी थी कि अगर उनकी अनशन के दौरान मौत हुई तो मराठा महाराष्ट्र को वैसे ही जला देंगे जैसे हनुमान जी ने लंका जला दी थी.
ये भी पढ़ें- Maratha Reservation: छगन भुजबल की मनोज जरांगे को नसीहत, कहा- 'उन्हें चुप बैठना चाहिए, सरकार लेगी..