Maharashtra News: भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे से मराठा क्रांति मोर्चा में खुशी की लहर, पुणे में कुछ इस तरह मनाया जश्न
Bhagat Singh Koshyari Resignation: शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र की अन्य महान हस्तियों पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर भगत सिंह कोश्यारी को विपक्ष और जनता के विरोध झेलना पड़ा था.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के इस्तीफे के बाद पुणे में मराठा क्रांति मोर्चा (MKM) ने जश्न मनाया. MKM के कार्यकर्ता पटाखे फोड़कर और चीनी बांटकर राज्यपाल के इस्तीफे का जश्न मनाते दिखे. बता दें कि मराठा सम्राट शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र की अन्य महान हस्तियों पर की गई विवादी टिप्पणी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए भगतसिंह कोश्यारी को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा है. उनकी इन टिप्पणियों को लेकर विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था. उनके खिलाफ महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले थे.
रमेश बैस बने महाराष्ट्र के नए राज्यपाल
गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है और अब झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल बनाया गया है, जबकि बैस की जगह झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी सीपी राधाकृष्णन को दी गई है.
राज्यपाल कोश्यारी ने विपक्ष के दबाव में यह इस्तीफा दिया है या स्वास्थ्य और पारिवारिक कारणों से यह साफ नहीं है. हालांकि वह पहले ही अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके थे. कुछ दिनों पहले पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि उनका स्वास्थ्य अब उनका साथ नहीं दे रहा है और इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा देना चाहते है और बाकी का जीवन अपने परिवार के साथ रहकर पढ़ने-लिखने और अन्य आराम की गतिविधियों में बिताना चाहते हैं.
कोश्यारी का राजनीतिक सफर
इसी के साथ 81 वर्ष के हो चुके कोश्यारी का राजनैतिक जीवन लगभग-लगभग खत्म माना जा रहा है. उत्तराखंड के बागेश्वर के रहने वाले भगत सिंह कोश्यारी ने अल्मोड़ा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गये थे और इसके बाद वे RSS से जुड़ गए. आरएसएस में रहते उन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलनों में हिस्सा लिया और जेल भी गये और उनके असली राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1997 में हुई जब वो पहली बार विधायक बने. साल 2000 में यूपी के उत्तराखंड से अलग होने के बाद वह उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री भी रहे और 2001 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे. 2008 में कोश्यारी को उत्तराखंड से राज्यसभा भेजा गया और 2019 में उन्हें पहली बार राज्यपाल बनाया गया.
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