Maharashtra News: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर जालना (Jalana) में उपवास पर बैठे एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने कहा कि हम आज सरकार द्वारा दिए गए किसी भी फैसले से सहमत नहीं है. उन्होंने आगे अल्टीमेटम दिया है कि अगर आज शाम (मंगलवार) और कल (बुधवार) तक कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो वह थोड़ा भी पानी नहीं पीएंगे. वह पानी पीना बंद कर देंगे. 


मनोज जरांगे ने कहा, ''हम आज सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसले से सहमत नहीं हैं. सरकार  कल (बुधवार) तक मराठा आरक्षण के संदर्भ में फैसला ले.' जरांगे ने कहा कि आंशिक प्रमाणपत्र नहीं लिए जाएंगे और साझा नहीं किए जाएं. अगर आज शाम या कल तक कोई निर्णय नहीं हुआ तो में थोड़ा भी पानी नहीं लूंगा. खुद पानी पीना बंद करूंगा.''


सरकार ने इन नेताओं को सुरक्षा का दिया भरोसा
बता दें कि राज्य में मराठा आंदोलन उस वक्त हिंसक हो गया जब कुछ स्थानीय नेताओं के घरों और दफ्तरों को निशाना बनाया गया. वहीं अब महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐसे नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है. आरक्षण के मसले पर सीएम एकनाथ शिंदे की कैबिनेट बैठक हुए जिसमें उन्होंने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण दिलाना हमारी जिम्मेदारी है और हमें कुछ समय दिया जाना चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि मराठा समुदाय शांतिपूर्ण प्रदर्शन करता है लेकिन किसने आंदोलन को भड़काया इस पर सरकार की नजर है. 


विपक्ष से घिरी है सरकार
बता दें कि कैबिनेट मीटिंग में जस्टिस शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है और कुनबी प्रमाण पत्र देने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. उधर, आरक्षण आंदोलन के मसले पर सरकार विपक्ष के निशाने पर हैं. शिवसेना-यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे ने जहां केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं तो मनसे नेता राज ठाकरे ने जरांगे से उपवास समाप्त करने की अपील की है.


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