Maharashtra News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा गरमा रहा है. एक ओर मराठा आरक्षण की मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को बीते दिनों एक महीने का अल्टीमेटम दिया है, वहीं दूसरी तरफ मराठाओं को आरक्षण देने से OBC आरक्षण पर किसी प्रकार का असर ना हो, इस बात को लेकर OBC नेता लक्ष्मण हाके बीते पांच दिनों से जालना में अनशन कर रहे हैं.
दरअसल, हाके सरकार से ये चाहते हैं कि सरकार जो ये कह रही है कि मराठा आरक्षण के वजह से OBC आरक्षण पर असर नही पड़ेगा. ये उन्हें सरकार की ओर से लिखित रूप में चाहिए. शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे, कृषि मंत्री धनंजय मुंडे और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे हाके से मिलने जालना पहुंचे थे.
एनसीपी शरद पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने भी हाके को अपना समर्थन दिया है. भुजबल अगले एक से दो दिनों में लक्ष्मण हाके से मिलने जालना जाएंगे. सरकार के आश्वासन के बावजूद हाके अपनी हड़ताल खत्म करने को राज़ी नही हुए है. यही वजह है की राज्य सरकार के लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली स्तिथि पैदा हो गई है.
मराठा समाज को कुनबी का दर्जा देकर उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने पांच दिन पहले ही अपना अनशन स्थगित किया है. उनका अनशन जालना के अंतरवली सराटी गांव में चल रहा था. इस गांव से कुछ ही दूरी पर दूसरे गांव वाडीगोदरी में ओबीसी समाज के नेता लक्ष्मण हाके पिछले पांच दिन से अनशन कर रहे हैं. रविवार से उन्होंने जल ग्रहण करना भी बंद कर दिया है.
हाके मनोज जरांगे पाटिल की इस मांग का विरोध कर रहे हैं कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए. वे सरकार द्वारा जारी आदेश को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.. जबकि जरांगे पाटिल ने इसी शर्त पर अपना अनशन खत्म किया है कि अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके 54 लाख मराठों के सभी सगे-संबंधियों को एक महीने के अंदर कुनबी प्रमाणपत्र दे दिया जाए.
मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने OBC आरक्षण पर सरकार को घेरते हुए ये कहा कि, आरक्षण को लेकर कांग्रेस की भूमिका स्पष्ट रही है. विधानसभा में भी हमने अपनी बात को रखा है. आरक्षण को लेकर 50% वाला लिमिट हटाया जाए. हाके की मांग यही है कि उनके आरक्षण (OBC) को बिना प्रभावित किए बिना मराठा समाज को आरक्षण दिया जाए. हम भी यही कह रहे है.
2014 में जब देवेंद्र फडणवीस ने राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए मराठा, धनगर और अन्य समाज को आरक्षण देने का शासन दिया था तो उसे पूरा क्यों नहीं किया गया. 10 साल से आप सरकार में है.. सरकार आरक्षण के नाम पर अलग-अलग जाति के लोगों को लड़वाना चाहती है. हमारा भी मानना है कि मराठाओं को आरक्षण मिले... इसके लिए पहले सामाजिक, आर्थिक, और शिक्षा के आधार पर सेंसस करवाया जाना चाहिए. आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में नहीं बल्कि पूरे देश भर में लोग परेशान है.
शिवसेना (UBT) ने लक्ष्मण हाके के अनशन पर क्या कहा?
शिवसेना (UBT) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि लक्ष्मण हाके पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे है. पिछले कई दिनों से उनकी तबियत भी बिगड़ रही है. सरकार की तरफ से उनसे स्पष्ट बातचीत करने वाला कोई नहीं है. सिर्फ खानापूर्ति के लिए कभी पंकजा मुंडे तो कभी धनंजय मुंडे या अन्य नेता उनसे मिलने पहुँच रहे है. हाके यही चाहते है कि OBC आरक्षण पर किसी प्रकार का खतरा ना आए. हम भी लक्ष्मण हाके और मनोज जरांगे दोनो की मांग से सहमत है. राज्य में चल रहे आरक्षण का मसला. केंद्र सरकार को सुलझाना चाहिए.
लक्ष्मण हाके के अनशन को OBC नेता छगन भुजबल में दिया अपना समर्थन
बीजेपी नेता पंकजा मुंडे और कृषि मंत्री धनंजय मुंडे, शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे और शिवसेना (UBT) से पूर्व सांसद रहे चंद्रकांत खैरे के बाद अब एनसीपी (AP) पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल भी अगले दो दिनों के लक्ष्मण हाके से मिलने जालना जाएंगे. गौरतलब है कि छगन भुजबल ने हमेशा से ही मराठाओ को ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण देने का विरोध किया है.
विधानसभा चुनाव में मराठा और OBC आरक्षण मुद्दे से फायदा या नुकसान?
राजनीति के जानकारों का ये मानना है कि, राज्य सरकार ने मराठाओं को 10% आरक्षण तो दे दिया, लेकिन सरकार की तरफ से अलग से दिया गया आरक्षण मराठाओ को नहीं चाहिए. उनको ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण चाहिए. मराठाओ की ये मांग सरकार नही मान सकती है. ओबीसी समाज इसका विरोध कर रही है. उनमें एक उनरेस्ट सिचुएशन है.
ओबीसी समाज को ये लग रहा है कि सरकार मराठा समाज के दवाब के आगे झुक रही है. यही वजह है कि अब लक्ष्मण हाके के नेतृत्व में OBC समाज का आंदोलन बढ़ रहा है. अगर सरकार जल्द से जल्द आरक्षण को लेकर कोई रास्ता नहीं निकलती है तो विधानसभा चुनाव में उनको इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.