Maratha Reservation News: महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षा और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री शिंदे ने विधानसभा में विधेयक पेश किया. महाराष्ट्र विधानसभा ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया. इस पर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने भी अपनी बात रखी है.
राज ठाकरे ने कहा, "आरक्षण का मुद्दा केंद्र का सब्जेक्ट है. राज्य सरकार को अधिकार है क्या. मराठा समाज को आरक्षण देना चाहिए. तमिलनाडु में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में सस्टेन किया है. 10 फीसदी आरक्षण दिया, यह सुप्रीम कोर्ट में टिकेगा क्या. सुप्रीम कोर्ट में अगर पिछली बार की तरह नहीं टिका तो क्या होगा."
सरकार के फैसले पर क्या बोले मनोज जरांगे?
मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा, "मैं 'सगे सोयरे' को लागू करने की मांग कर रहा हूं. आंदोलन के अगले दौर की घोषणा कल की जाएगी. मनोज जारांगे पाटिल ने अपनी बांह से IV हटा लिया है और वह अपना भूख हड़ताल विरोध जारी रखेंगे.
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कोटा पर एक आयोग की रिपोर्ट का स्वीकार किया था. महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया गया. सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में एमएसबीसीसी ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी. शिंदे सरकार ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित किया.
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग ने चुनावों से पहले राज्य के एनडीए सरकार की चिंता बढ़ा दी थी. इस आंदोलन का चेहार मनोज जरांगे हैं जो दोबारा अनशन पर बैठे हुए हैं. मनोज जरांगे के आंदोलन के दौरान महाराष्ट्र में हिंसक घटनाएं भी सामने आई थीं. नेताओं के घरों पर हमला किया गया और राजनीतिक दलों के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया था.
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