Maratha Reservation पर सीएम एकनाथ शिंदे हुए भावुक, खाई कसम, बोले- शरीर में खून की आखिरी बूंद तक लड़ूंगा...
आज़ाद मैदान में अपनी दूसरी दशहरा रैली को संबोधित करते हुए एक भावनात्मक क्षण में सीएम एकनाथ शिंदे ने अपना भाषण छोटा कर दिया.
Maratha Reservation Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और बालासाहेब्यांची शिवसेना के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर के सामने झुककर मराठा समुदाय को आरक्षण देने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए शरीर में खून की आखिरी बूंद तक लड़ने की कसम खाई.
मंगलवार देर शाम आज़ाद मैदान में अपनी दूसरी दशहरा रैली को संबोधित करते हुए एक भावनात्मक क्षण में शिंदे ने अपना भाषण छोटा कर दिया. उन्होंने हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर मराठा आरक्षण के लिए गंभीर प्रतिबद्धता जताई.
उन्होंने कहा, "मैं भी एक मराठा हूं और मैंने अपने पूरे जीवन में समुदाय के लिए बहुत कठिन संघर्ष किया है. मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने शपथ लेता हूं कि मराठों के लिए कोटा किसी भी अन्य समूह के आरक्षण को परेशान किए बिना दिया जाएगा... सभी हमारे लोग हैं और किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होगा. मैं मराठा युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी हताश कदम (आत्महत्या) का सहारा न लें.''
पद तक पहुंचने के लिए उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया- शिंदे
शिंदे ने शिवसेना-यूबीटी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह एक गरीब किसान परिवार से हैं और आज इस पद तक पहुंचने के लिए उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया, लाठियां खाईं और जेल भी गए.
शिंदे ने कहा, “तुम्हारे खिलाफ कितने मामले हैं, कितनी बार तुमने बेंत की मार खाई है? जो लोग बालासाहेब ठाकरे की विरासत के उत्तराधिकारी होने का दावा करते हैं, उन्हें पहले अपने आचरण की जांच करनी चाहिए... वे 'देना' बैंक नहीं हैं, बल्कि 'लेना' बैंक हैं. मुझे सत्ता की लालसा नहीं है और मैं एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करता हूं, मैं व्यापार के लिए दावोस (स्विट्जरलैंड) जाता हूं या मलिन बस्तियों में नालियों और सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण करता हूं....''
सीएम ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे 2004 से ही सीएम पद का लालच कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने शरद पवार से मिलने के लिए दो दूत भेजे थे. उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व के मुद्दे को धोखा दिया.