Maratha Reservation News: महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आरक्षण के आंदोलन की शुरुआत हो गई है. आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटील ने भूख हड़ताल का एलान कर दिया है. मनोज जरांगे ने जालना में  भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की. मीडिया से बात करते हुए  जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र  सरकार को आश्वासन दिए हुए 40 दिन हो रहे हैं लेकिन मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कोई भी पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिल रहा है, इसलिए मैं फिर से अपनी भूख हड़ताल शुरू करने जा रहा हूं. जरंगे ने सरकार को चेतावनी दी है कि अब जब तक आरक्षण नहीं मिलता, वह मरते दम तक हड़ताल पर बैठे रहेंगे.


मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बात को दोहराते हुए कहा कि कल दशहरा सभा में मुख्यमंत्री ने शिव राय की प्रतिमा के सामने जो शपथ ली थी, उस पर हमें विश्वास है, लेकिन अब हम पीछे नहीं हटेंगे.


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मनोज जरांगे का दावा - पीएम एक बार फोन कर दें तो...
मनोज जरांगे ने कहा- 'पीएम नरेंद्र मोदी को गरीबों पर दया आती है, लेकिन अब मुझे संदेह है. अंदर ही अंदर कुछ पक रहा है, नहीं तो मुख्यमंत्री (सीएम एकनाथ शिंदे) छत्रपति शिवाजी की शपथ नहीं लेते.' मनोज ने कहा- अगर प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ एक फोन कर दें तो भी आरक्षण मिल जाएगा. लेकिन, ये सिर्फ कागजों में घूम रहे हैं. वह भी कसम खाते हैं और मैं भी कसम खाता हूं. बस मोदी जी  दोनों उपमुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्री को एक फोन करा दीजिए, आरक्षण का कागज तुरंत आ जाएगा. लेकिन, उनके पास गरीबों पर ध्यान देने का समय नहीं है.'


मनोज जरांगे पाटिल ने मांग की है कि मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण दिया जाना चाहिए. इस बीच राज्य सरकार (Maharashtra Sarkar) को दिया गया 40 दिन का अल्टीमेटम आज खत्म हो गया है. इस आंदोलन में जिला स्तर पर क्रमिक अनशन किया जाएगा. साथ ही नेताओं को गांव में आने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.