Maratha Reservation: 'मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पूरे महाराष्ट्र में होना चाहिए न कि किसी क्षेत्र विशेष में', मनोज जारांगे की मांग
Maratha Reservation Movement: मनोज जारांगे ने राधाकृष्ण विखे-पाटिल के साथ बातचीत के दौरान कहा है कि आरक्षण राज्य के सभी मराठों को दिया जाना चाहिए, न कि केवल विशेष क्षेत्रों में रहने वाले समुदाय को.
Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण एक्टिविस्ट मनोज जारांगे (Manoj Jarange) ने सोमवार को मराठा समुदाय के लिए विशेष क्षेत्रों के बजाय पूरे महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग की और चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो चल रहे आंदोलन को और तेज किया जाएगा. आरक्षण आंदोलन के दूसरे चरण के तहत जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे जारांगे ने स्थानीय लोगों और विरोध स्थल पर इकट्ठा हुए लोगों में जोश भरने के बाद पानी का सेवन किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आरक्षण आंदोलन का तीसरा चरण शुरू किया गया तो राज्य सरकार बैठकें नहीं कर पाएगी.
मराठा आंदोलन को तीसरे चरण में ले जाने की चेतावनी
उन्होंने कहा कि, हम महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. मराठा आरक्षण आंदोलन के तीसरे चरण के बाद सरकार एक भी बैठक नहीं कर पाएगी. उन्होंने राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल (Radhakrishna Vikhe-Patil) के साथ अपनी बातचीत के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि, मैंने राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल के साथ बातचीत की. मैंने उनसे कहा है कि आरक्षण राज्य के सभी मराठों को दिया जाना चाहिए, न कि केवल विशेष क्षेत्रों में रहने वाले समुदाय के सदस्यों को. हम अधूरा कोटा स्वीकार नहीं करेंगे. यदि ऐसा किया जाता है, तो आंदोलन नहीं रुकेगा.
मांग नहीं मानी तो, पूरे देश में होगा आंदोलन- जारांगे
मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा समुदाय के सदस्य कुनबी, किसानों का एक समुदाय है जो महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है जिसे शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता है. अगर मराठवाड़ा में मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र मिलता है, तो वे आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं. जारांगे ने कहा कि अगर आरक्षण की मांग नहीं मानी गई तो पूरे देश में मराठा आंदोलन होगा. पूरे देश से मराठा इस आंदोलन के लिए एक साथ आएंगे.
आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है- जारांगे
जारांगे ने आगे कहा कि, देश में लगभग 26 करोड़ मराठा है. आंदोलनकारी आरक्षण मुद्दे को हल करने के लिए राज्य सरकार के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं. सरकार को सभी जिला कलेक्टरों की बैठक बुलानी चाहिए. सरकार यहां आ सकती है और हमसे बात कर सकती है. मराठा समुदाय से कोई भी उन्हें नहीं रोकेगा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जारांगे ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण है और सही दिशा में चल रहा है. मुख्यमंत्री को उन लोगों पर नियंत्रण रखना चाहिए जो ज्यादा बोल रहे हैं. मुझे लगता है कि ये लोग कानून व्यवस्था बिगाड़ना चाहते हैं, हम ऐसा नहीं करना चाहते.
प्रकाश सोलंके पर भी दिया बयान
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर में आग लगा दी गई और पथराव किया गया. इससे पहले दिन में बीड जिले के मजलगांव शहर में आरक्षण आंदोलनकारियों की भीड़ ने हमला किया था. इसपर टिप्पणी करते हुए जारांगे ने कहा कि, प्रकाश सोलंके ने कुछ तो बोला होगा. उनके बिना मराठा कोई कदम नहीं उठाएंगे. जारांगे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अभी तक जवाब नहीं दिया है कि उन्होंने आरक्षण आंदोलन के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है या नहीं.
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