Manoj Jarange March: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मराठा समुदाय के लोगों से आरक्षण को लेकर प्रदर्शन नहीं करने की अपील की क्योंकि सरकार आरक्षण की मांग को लेकर सकारात्मक रूप से सोच रही है. शिंदे का आश्वासन ऐसे समय में आया है जब आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारंगे और उनके हजारों समर्थक 26 जनवरी को प्रदर्शन शुरू करने के लिए मुंबई जा रहे हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य सरकार सकारात्मक है. हम निर्णय लेंगे. मैं मराठा समुदाय से अपील करता हूं कि वे खुद को प्रदर्शन करने से रोकें.''
क्या बोले सीएम शिंदे?
शिंदे ने मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा चल रहे सर्वेक्षण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 1.5 लाख लोग तीन पारियों में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'एक बार जब पिछड़ा वर्ग आयोग सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंप देगा तो कानून बनाने के लिए राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा.'
मुंबई की ओर बढ़ रहा जरांगे का काफिला
अपना वादा पूरा करते हुए शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण के लिए दबाव बनाने को लेकर हजारों समर्थकों के साथ अपने पैतृक गांव अंतरवली-सरती से 'मुंबई मार्च' शुरू कर दिया है. होठों पर प्रार्थना, चारों ओर 'जय भवानी, जय शिवाजी' की गर्जना, चेहरे पर दृढ़ता, दिल में दृढ़ संकल्प, कभी-कभी नम आंखें और भगवा झंडों के साथ जरांगे पाटिल ने देश की वाणिज्यिक राजधानी की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं. पाटिल ने गंभीर भाव से कहा, “यह मराठों के लिए न्याय की लड़ाई है. उन्हें वह मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं. हम मुंबई तक मार्च करने से पीछे नहीं हटेंगे. अब कोई भी गोली मुझे रोक नहीं सकती. मैं मराठों के लिए अपनी जान देने को तैयार हूं, चाहे मैं रहूं या न रहूं, लेकिन हम आरक्षण मिलने के बाद ही वापस लौटेंगे.''
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