Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे ने शिंदे सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी है. जरांगे ने अब सरकार को नया अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने अनशन स्थगित करने की घोषणा की है. इस बीच उन्होंने राज्य सरकार को 13 अगस्त तक समय दिया है. उन्होंने कहा, रात को मैंने सलाइन लगाई है. सलाइन लगाकर अनशन करने का कोई मतलब नहीं है. सरकार 13 अगस्त तक हमारी मांगों को पूरा करे. सरकार के पास 13 तारीख तक का समय है.


मनोज जरांगे ने कहा, देवेंद्र फडणवीस सरकार गिरेगी. बीजेपी का एक भी विधायक नहीं आएगा. 28 अगस्त को तय किया जाएगा कि राज्य के 288 उम्मीदवारों को हराना है की जिताना है.


मनोज जरांगे ने लगाये ये आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण देने की प्रक्रिया में विलंब कर रहे हैं. जरांगे की मांगों में कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के सदस्यों से खून का रिश्ता रखने वाले के रूप में मान्यता देने वाली मसौदा अधिसूचना को लागू करना और मराठाओं को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देना शामिल है.


कुनबी, एक कृषक समुदाय है. इसे महाराष्ट्र में ओबीसी का दर्जा प्राप्त है. जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किया जाए ताकि वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कोटा के लिए पात्र हो सकें.


मीडियाकर्मियों से बात करते हुए जरांगे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिंदे मराठा समुदाय को आरक्षण दे सकते हैं, लेकिन वह (प्रक्रिया में) देरी कर रहे हैं. केवल शिंदे साहब ही आरक्षण दे सकते हैं, लेकिन वह इसमें देरी क्यों कर रहे हैं?’’


जरांगे ने कहा कि सरकार को मराठों को उनकी मांगें पूरी होने तक तीन आरक्षण विकल्प प्रदान करने चाहिए- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) के तहत 10 प्रतिशत और ओबीसी कोटा (27 प्रतिशत) कुनबी के रूप में.


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