Maratha Kunbi Certificates: मराठा कुनबी प्रमाण पत्र बांटने को लेकर शिंदे समिति की अहम बैठक मंत्रालय में शुरू हो चुकी है. बैठक में पूर्व न्यायाधीश शिंदे, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव राजगोपाल देवड़ा और समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुमंत भांगे शामिल हैं. इसके अलावा आठ जिलों के कलेक्टर भी मीटिंग में शामिल हुए हैं. मीटिंग में मनोज जरांगे पाटिल द्वारा दी गई समय सीमा 24 दिसंबर तक मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए एक प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा.


ठाणे में विशेष प्रकोष्ठ का गठन
महाराष्ट्र के ठाणे में जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देशानुसार एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया है जो मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जाति रिकॉर्ड को सत्यापित करेगा. एक विज्ञप्ति में बताया गया कि शनिवार को गठित प्रकोष्ठ के काम काज की निगरानी जिलाधिकारी अशोक शिंगारे करेंगे और राज्य के प्राधिकारियों को प्रगति की रिपोर्ट देंगे. मराठवाडा में स्थापित एक प्रकोष्ठ की तर्ज पर इसे स्थापित किया गया है. यह जाति रिकॉर्ड को सत्यापित करेगा जिसके आधार पर पात्र मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं.


युद्ध स्तर पर काम जारी
विज्ञप्ति के अनुसार, अतिरिक्त जिलाधिकारी मनीषा जयभाये-धुले, एसडीओ और तहसीलदार भी जिले में इससे जुड़े कार्य को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि प्रत्येक जिलाधिकारी को पुराने रिकॉर्ड खोजने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों में से 10 अधिकारियों को तैनात करने के लिए कहा जाएगा जिसके आधार पर पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिए जा सकें. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मांग की है कि समुदाय के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जाए. जरांगे ने नौ दिनों के बाद गुरूवार को अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त किया था. कुनबी समुदाय को पहले से ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण का लाभ मिला है.


ये भी पढ़ें: Maharashtra Gram Panchayat Election: BJP की बल्ले-बल्ले, शिवसेना या NCP... सुबह 11 बजे तक किसका पलड़ा रहा भारी?