Maratha Reservation: मराठवाड़ा के पांच जिलों में MSRTC की बस सेवाएं निलंबित, 85 से अधिक वाहनों को नुकसान
Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन के चलते सोमवार शाम को राज्य में एमएसआरटीसी के 250 में से 36 डिपो बंद रहे. पिछले चार दिन में निगम की 85 से अधिक बसों को नुकसान पहुंचा है.
Maratha Reservation: मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा के बीच मध्य महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र के पांच जिलों में राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की बस सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गयी हैं. निगम के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि परभनी, धाराशिव, लातूर, जालना और नांदेड़ जिलों में पिछले तीन-चार दिनों से बस सेवाएं पूरी तरह निलंबित हैं तथा बीड, छत्रपति संभाजीनगर और सोलापुर जिलों में कुछ हद तक बस सेवाओं पर असर पड़ा है.
उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के चलते सोमवार शाम को राज्य में एमएसआरटीसी के 250 में से 36 डिपो बंद रहे. उनके अनुसार पिछले चार दिन में निगम की 85 से अधिक बसों को नुकसान पहुंचाया गया है, सबसे अधिक 70 बसें बीड जिले में क्षतिग्रस्त कर दी गयी जबकि चार बसों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. आरक्षण के चलते आंदोलन तब तेज हुआ जब आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने 25 अक्टूबर को इस मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया.
आंदोलन के चलते 4 MSRTC को 4 करोड़ का नुकसान
अधिकारी ने बताया कि एमएसआरटीसी को अब तक चार करोड़ रुपये का नुकसान उठाया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा निगम को बस सेवाएं निलंबित रहने के कारण रोजाना दो से ढाई करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. निगम के बेड़े में करीब 15,000 बसें हैं जिनमें प्रतिदिन करीब 60 लाख लोग यात्रा करते हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है. गुस्साएं आंदोलनकारियों ने सोमवार को विधायकों और एनसीपी के दो और बीजेपी के एक नेता के घरों और कार्यालयों में आग लगा दी थी. इसको देखते हुए मुंबई पुलिस हाई अलर्ट पर है. मुंबई पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. आज यानी मंगलवार को दक्षिण मुंबई के महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर पुलिस को तैनात किया गया. इसके साथ ही मुंबई पुलिस की तरफ से प्रदेश के सीएम और राजनीतिक दलों के नेताओं को घरों के बाहर भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. दरअसल, आंदोलनकारी मांग कर रहे हैं कि मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके.
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