(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: मराठा समुदाय के आरक्षण पर कांग्रेस का बड़ा बयान, कहा- 'अगर हम सत्ता में आए तो...'
Maratha Reservation: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के इंसाफ देने के लिए आरक्षण देना और जाति आधारित जनगणना ही एक मात्र विकल्प है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा.
Maharashtra News: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में राज्य और केंद्र की सत्ता में आती है, तो वह कोटा पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाकर मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करेगी. पटोले ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे का स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए जाति आधारित जनगणना ही एकमात्र विकल्प है.
नाना पटोले नागपुर में कांग्रेस की 'जन संवाद यात्रा' से इतर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. मौजूदा मराठा आरक्षण मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पटोले ने कहा, 'आरक्षण प्रदान करने और समाज के सभी वर्गों को न्याय देने के वास्ते स्थायी समाधान के लिए जाति आधारित जनगणना ही एकमात्र विकल्प है. (तत्कालीन) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने इस मुद्दे पर काम किया था और 2011 में जनगणना की गई थी.' उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद जाति-आधारित जनगणना को आगे नहीं बढ़ाया, जिसका मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उस जनगणना को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने मराठा आरक्षण मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2014 के चुनावों के दौरान वादा किया था कि यदि भाजपा राज्य और केंद्र में सत्ता में आती है तो मराठों को आरक्षण देगी. उन्होंने धंगर (चरवाहा) समुदाय को भी आरक्षण देने का वादा किया था.” उन्होंने आरोप लगाया, 'यह सरकार अब ओबीसी बनाम मराठा मुद्दा उठा रही है. वे महाराष्ट्र में वही करने की कोशिश कर रहे हैं जो उन्होंने मणिपुर में किया.'
पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग विवेकपूर्ण है और वे सत्तारूढ़ दल के जाल में नहीं फंसेंगे और राज्य में मणिपुर जैसी स्थिति नहीं बनने देंगे. उन्होंने दावा किया कि भाजपा जाति आधारित जनगणना के खिलाफ है और वे कभी आरक्षण नहीं दे पाएंगे. उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट रुख अपनाया है...अगर हमारी पार्टी राज्य और केंद्र की सत्ता में आती है, तो हमारा रुख अन्य समुदायों के आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाकर मराठा समुदाय को आरक्षण देने का होगा.” उन्होंने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सभी पिछड़ी जातियों के लोगों को भी मुख्यधारा में लाएगी.