Maharashtra News: शरद पवार (Sharad Pawar) गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को मराठा समुदाय के आरक्षण आंदोलन  (Maratha Reservation)n में हस्तक्षेप करने का निर्देश दें. प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले (Supriya Sule), एनसीपी के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल (Jayant Patil) और पार्टी नेता जितेंद्र आव्हाड शामिल थे.


जयंत पाटिल ने कहा कि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेता सोमवार को फिर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. पाटिल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि मराठा समुदाय को जल्द से जल्द आरक्षण दिया जाए. राज्यपाल को इस संबंध में राज्य और केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. हमने राज्यपाल से मौजूदा स्थिति के बारे में केंद्र के साथ संवाद करने का आग्रह किया. कई समितियां गठित की गई हैं लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है.’’


अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे
मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहा है. विरोध के दूसरे चरण के तहत मराठा आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे के 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के बाद आंदोलन तेज हो गया है. उनकी अपील पर कई गांवों ने राजनीतिक नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. 


सीएम  शिंदे  की पार्टी के सांसद का इस्तीफा
बता दें कि एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना को रविवार को मराठा आरक्षण के मसले पर झटका लगा जब हिंगोली से पार्टी सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा भेज दिया है. उन्होंने मराठा आरक्षण के समर्थन में इस्तीफे की पेशकश की है. बता दें कि केवल सरकार में शामिल शिवसेना ही नहीं बल्कि अजित पवार के गुट की एनसीपी के भी विधायक मराठा आरक्षण को लेकर बयान दे रहे हैं. विधायक नीलेश लंके ने कहा कि अगर मराठा आरक्षण की मांग पूरी नहीं हुई तो विधानसभा के शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करेंगे. 


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