Maratha reservation Updates: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर संघर्ष के आसार दिख रहे हैं. बीते महीने जालना में जब आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू हुआ तब 24 अक्टूबर तक मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया था. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से मांगों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है. मराठा आरक्षण के आंदोलन के अगुवा मनोज जरांगे पाटील ने कहा था कि अगर 24 अक्टूबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गई तो उसके बाद भूख हड़ताल शुरू की जाएगी.
मंगलवार को दशहरा की रैली में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी यह मुद्दा उठाया. शिवेसना यूबीटी के नेता और पूर्व सीएम ठाकरे ने कहा- जालियां वाला बाग बना दिया है. इनकी सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले लोगों पर भी पत्थर बाजी किया और लाठी चलाई. मैं तब मुख्यमंत्री था तब भी मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन जारी था या मुद्दा तभी भी खड़ा था लेकिन यहां मौजूद लोगों से पूछिए क्या किसी पर भी लाठी चलाई गई थी.
Maharashtra Politics: 19 साल पहले CM बनना चाहते थे उद्धव ठाकरे, शरद पवार के पास गई थी सिफारिश! सीएम एकनाथ शिंदे का बड़ा दावा
महाराष्ट्र सरकार ने किया बड़ा दावा
दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आऱक्षण को लेकर बड़ा प्रण लिया. वो दशहरा रैली के दौरान मंच पर पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास गए. नतमस्तक हुए, जिसके बाद उन्होंने लोगों से संयम बनाये रखे की अपील की और मराठा आरक्षण को लेकर कसम खाई. सीएम ने कहा- मैं मराठा समाज के लोगो को ये विश्वास दिलाता हूं कि मेरे शरीर में जब तक खून का आखिरी कतरा रहेगा. तब तक मैं मराठा आरक्षण के लिए लड़ूंगा. मराठा समाज के लोगो को मराठा आरक्षण दिलवाकर रहूंगा. वो आरक्षण जो टिके. ये बात में छत्रपति शिवाजी महाराज की सौगंध खाकर कहता हूं.
इतना ही नहीं एकनाथ शिंदे के साथ ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी दावा किया कि सरकार मराठा आरक्षण के पक्ष में है. डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार आरक्षण के पक्ष में है. लेकिन आरक्षण देते समय यह कानून के दायरे में होना चाहिए. पिछले दो बार दिए गए आरक्षण को एक बार हाई कोर्ट और एक बार सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उस संबंध में प्रयास चल रहे हैं.