Chhagan Bhujbal Speech: गवली शिवरा इलाके में मनोज जरांगे पाटिल की तस्वीर के साथ एक श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल का बैनर लगाया गया था. इस बैनर पर लगी मनोज जरांगे की फोटो किसी अज्ञात व्यक्ति ने फाड़ दी है. इस बैनर को शरारतपूर्ण तरीके से फाड़ने के मामले में शिल्लेगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि ये शरारत किसने की है और इससे राजनीतिक माहौल गरमाने की आशंका है.


बैठक में क्या हुआ?
ABP माझा की एक खबर के अनुसार, OBC एल्गर (ओबीसी सभा) की बैठक में बोलते हुए मंत्री छगन भुजबल ने मराठा समुदाय के आरक्षण बैनर को हटाने को लेकर बयान दिया था. पुलिस एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि बैनर फाड़ दिया गया. इसलिए संदीप भाऊसाहेब औताडे की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. हालांकि FIR में भुजबल का नाम आने से उनकी मुश्किलें बढ़ने की आशंका है.


बैनर फाड़ने का आरोप
शिकायतकर्ता के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे बैनर फाड़ दिया गया. पवन केरे ने फोन पर बैनर फाड़ने की जानकारी दी. नागपुर-मुंबई रोड पर आरापुर शिवरा में गवली शिवरा आर्क के पास मराठा योद्धा मनोज जारांगे पाटिल के क्रमिक भूख हड़ताल के बैनर को फाड़ दिया गया है. इसकी जानकारी मिलने पर बबनराव दुबे पाटिल, संदीप जालिंदर औताडे के साथ दोपहर करीब तीन बजे निरीक्षण किया. इसके बाद ठाणे शिल्लेगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई. 


छगन भुजबल के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जालना में ओबीसी बैठक का मार्गदर्शन करते हुए छगन भुजबल ने मनोज जरांगे पाटिल की आलोचना की है. उन्होंने ऐसा बयान दिया जिससे दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा होगी. इतना ही नहीं, उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में भड़काऊ बयान देते हुए कहा, ''महाराष्ट्र के गांवों में मराठा समुदाय के आरक्षण के जो बैनर लगाए गए हैं, उन्हें हटाएं.'' शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उनके बयान के बाद ही बैनर फाड़ा गया था. इन सबके लिए छगन भुजबल जिम्मेदार हैं और उन पर भड़काऊ भाषण देकर दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा करने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने और पूरे मराठा समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. मांग की गई है कि मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.


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