Eknath Shinde on Maratha Reservation: मराठा आऱक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र में तूल पकड़ता जा रहा है. इसी को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. मंगलवार 19 दिसंबर को सीएम शिंदे ने दावा किया है कि इस मुद्दे को सुलझाने की ओर एक और पहल की जाएगी और सदन में चर्चा के लिए फरवरी 2024 में विशेष सत्र रखा जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने की प्रक्रिया में अन्य समुदाय के साथ किसी तरह का भेदभाव या अन्याय नहीं होगा.
विधानसभा में सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक क्यूरेटिव पेटीशन के जरिए आशा की किरण जगी है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की मदद से ये साबित करने की कोशिश की जा रही है कि मराठा समुदाय पिछड़े वर्ग में आता है. कमीशन एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिसके बाद उसकी समीक्षा की जाएगी. मराठा समुदाय को जरूरत के आधार पर आरक्षण देने के लिए और इस पर चर्चा करने के लिए फरवरी 2024 में विशेष सत्र बुलाया जा रहा है.
सीएम शिंदे के बयान पर कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया
सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि वह सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं इस प्रक्रिया में अन्य समुदायों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी. अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण से हट कर कानून के तहत मराठा समुदाय को उनका अधिकार दिलाने की जिम्मेदारी सरकार की है. वहीं, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का दावा है कि सीएम एकनाथ शिंदे ने कुछ नया नहीं कहा बल्कि वही पुरानी बातें दोहराई हैं.
'सुधारात्मक याचिका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है'
वहीं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सीएम शिंदे दावा कर रहे हैं कि नया आयोग बनाकर फरवरी में नया कानून पारित करवाएंगे. उन्होंने इस फैसले को फरवरी तक टाल दिया है. वहीं, शिवसेना उद्धव गुट के नेता सुनील प्रभु का कहना है कि शिंदे सरकार ओबीसी, मराठा, मनोज जरांगे समेत उस हर समुदाय को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है, जो आरक्षण की मांग कर रहा है.