Maratha Reservation: एक तरफ आंदोलन, दूसरी तरफ पार्टी नेताओं का इस्तीफा, बैठक में CM शिंदे को कहनी पड़ी ये बात
Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच शिवसेना के नेताओं के इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया है. अब सीएम शिंदे ने बैठक में इसको लेकर टिप्पणी की.
Maharashtra News: राज्य में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच सत्तारूढ़ शिवसेना ने सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक की. बैठक को लेकर मंत्री और शिवसेना नेता उदय सामंत (Udai Samant) ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शिवसेना सांसदों और विधायकों ने मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सीएम एकनाथ शिंदे के प्रति विश्वास जताया है और समर्थन दिया है.
सामंत ने बताया कि सीएम एकनाथ शिंदे ने सांसदों और विधायकों से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर इस्तीफे की पेशकश न करने की भी अपील की है. सीएम ने बैठक में कहा कि
साथ ही कल (1 नवंबर) होने वाली सर्वदलीय बैठक में भी शिवसेना मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति को दूर रखने की अपील करेगी. हम प्रदर्शनकारियों से भी अपील कर रहे हैं कि वे हिंसा न करें और जन प्रतिनिधियों के घर न जलाएं. मराठा आरक्षण विरोध के नाम पर हिंसा में शामिल अपराधियों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी.
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर होगी सर्वदलीय बैठक
राज्य में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन तेज होने के बीच सीएम एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के सभी सांसदों और विधायकों की एक अहम बैठक अपने सरकारी आवास वर्षा में की. बता दें कि मंलगवार (31 अक्टूबर) हुई कैबिनेट बैठक में मराठा-कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर अहम फैसले लिए गए हैं. वहीं, सीएम शिंदे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें शिवसेना क्या रुख अपनाएगी इसको लेकर भी चर्चा हुई.
जरांगे ने दी यह चेतावनी
बता दें कि एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटिल ने 25 अक्टूबर को उपवास शुरू किया है. जरांगे का कहना है कि अगर कल उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह पानी पीना भी छोड़ देंगे. उधर, आरक्षण की मांग को लेकर शिंदे गुट की शिवसेना के दो सांसदों और एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है. शिवसेना सांसद हेमंत गोडसे और हेमंत पाटिल से ने इस्तीफा दे दिया है जो कि एकनाथ शिंदे के वफादार माने जाते हैं.
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