Maratha Aarakshan Protest: मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में चल रही सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इसमें साफ तौर पर सभी दलों के नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए जो जरूरत हो कदम उठाया जाए. इतना ही नहीं बल्कि सभी नेताओं से एक पेपर पर हस्ताक्षर भी लिए गए कि कानून व्यवस्था बनी रहे.


मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर सभी एकमत हैं. इसके कानूनी पहलुओं को पूरा करने के बाद ही स्थायी आरक्षण दिया जा सकता है और राज्य में सभी दल इस संबंध में मिलकर काम करने को तैयार हैं. जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की जाए, हालांकि, उसे आवश्यक समय देना आवश्यक है। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए. राज्य में जो हिंसा की घटनाएं हुई हैं और हो रही हैं, वे अनुचित हैं और इससे आंदोलन की बदनामी हो रही है. हम इन घटनाओं को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। अपील की जा रही है कि राज्य में कोई भी कानून को हाथ में न ले, राज्य में शांति और कानून व्यवस्था कायम रहे. मनोज जारांगे पाटिल से भी अनुरोध है कि वे सहयोग करें और अपना अनशन वापस लें.


सर्वदलीय बैठक में क्या बोले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम स्थायी आरक्षण देंगे और सरकार सकारात्मक है. विरोधियों को सकारात्मक रहना चाहिए. मुख्यमंत्री शिंदे ने अपील की कि विपक्षी दल की भूमिका महत्वपूर्ण है और हमसे भी सरकार की मदद की उम्मीद है. हम आरक्षण के पक्षधर हैं. सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की गई है. मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि जल्द ही उनकी सुनवाई शुरू होगी.


बता दें, महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन जारी है. मनोज जारंगे भी आरक्षण की मांग को लेकर कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. जारंगे का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती तो वो पानी पीना भी छोड़ देंगे.