Maratha Reservation Protest Live: पूरे महाराष्ट्र में 141 मामले दर्ज, अब तक 168 गिरफ्तार, संभाजी नगर ग्रामीण, जालना और बीड में इंटरनेट बंद
Maratha Reservation Protest: मनोज जारंगे ने धमकी दी कि अगर मराठा समुदाय को ‘‘पूर्ण’’ आरक्षण नहीं दिया गया तो वे बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर देंगे.
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Maratha Reservation Protest: आरक्षण के लिए आंदोलनरत सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय ‘‘अधूरा आरक्षण’’ स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. उन्होंने धमकी दी कि अगर मराठा समुदाय को ‘‘पूर्ण’’ आरक्षण नहीं दिया गया तो वे बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर देंगे. जरांगे ने कहा कि सरकार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे मराठा युवाओं को ‘‘परेशान’’ नहीं करना चाहिए अन्यथा कड़ा जवाब दिया जाएगा.
जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में पच्चीस अक्टूबर से अनशन कर रहे जरांगे ने पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान के लिए उनकी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा कि बीड में हिंसा के अपराधियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोपों का सामना करना पड़ेगा. जरांगे ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की.
उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण देने में चयनात्मक न हों. सभी मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दें. अधिकारियों को इन (कुनबी) प्रमाणपत्रों को वितरित नहीं करना चाहिए (जैसा कि सरकार ने घोषित किया है). सरकार को न्यायमूर्ति शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट स्वीकार करनी चाहिए और मराठा आरक्षण पर निर्णय लेने के लिए विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बीड में गरीब मराठा युवाओं को परेशान नहीं किया जाए अन्यथा ‘‘हम उचित जवाब देंगे.’’
गृह विभाग संभालने वाले फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा है कि जिन आंदोलनकारियों ने बीड जिले में परिवार के सदस्यों के साथ घरों को जलाने की कोशिश की, उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया जाएगा. जरांगे ने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि बीड में हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है.
ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि महाराष्ट्र शांतिपूर्ण रहे. आप पूर्ण आरक्षण कब देंगे? मैं बुधवार से पानी पीना बंद कर दूंगा और मुख्यमंत्री और उनके दो उपमुख्यमंत्री इस नतीजे के लिए जिम्मेदार होंगे जबकि एक उपमुख्यमंत्री (फडणवीस) इसके लिए अधिक जिम्मेदार होंगे.’’ जरांगे आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे फोन पर बात की और आश्वस्त किया कि मंगलवार को दिन में कैबिनेट की बैठक में मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिए जाने के बारे में फैसला किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने जालना जिले में अपने गांव अंतरवाली सराटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. कुनबी एक कृषक समुदाय है और यह समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण पाने का पहले से ही हकदार है. जरांगे ने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की है... मैंने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट किया है कि मराठों के लिए अधूरा आरक्षण स्वीकार्य नहीं होगा. सरकार को समूचे राज्य में मराठाओं के लिए आरक्षण की घोषणा करनी चाहिए . हम (समूचे राज्य के मराठा) भाई हैं और हमारा खून का नाता है.’’
उन्होंने कहा कि समुदाय के केवल कुछ वर्ग को आरक्षण स्वीकार्य नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘60-65 प्रतिशत मराठा पहले से ही आरक्षण के दायरे में हैं. सरकार को इसे बढ़ाकर राज्य में शेष मराठाओं को भी इसमें शामिल करना चाहिए. इसके लिए सरकार को विशेष सत्र बुलाना चाहिए, विधेयक पारित करना चाहिए, इस उद्देश्य के लिए नियुक्त समिति की पहली रिपोर्ट को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें (कुनबी) प्रमाणपत्र देना चाहिए.’’ जरांगे ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिन के दौरान मराठा समुदाय से बुद्धिजीवियों की एक बैठक अंतरवाली सराटी में होगी. राज्य के कुछ हिस्सों में आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच उन्होंने दावा किया कि मराठा कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मराठा समुदाय की इच्छानुसार पानी पीना शुरू कर दिया है. समुदाय अब शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहा है. हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं. हमारे दो कार्यक्रम, अनशन और गावों में राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रहेंगे.’’ आरक्षण की मांग को लेकर कुछ जन प्रतिनिधियों के कथित रूप से अपना इस्तीफा दिए जाने की खबर पर जरांगे ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है.
अगर वे चाहते हैं तो वे कर सकते हैं लेकिन इसका समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए. विधायक, सांसद और पूर्व विधायक एवं सांसद जैसे जन प्रतिनिधियों को एक समूह बनाना चाहिए और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को इस वक्त बंद के आह्वान के बारे में नहीं सोचना चाहिए और सरकार को सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का संचालन जारी रखना चाहिए.
इससे पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, सुबह शिंदे के साथ ‘‘संतोषजनक’’ चर्चा के बाद जरांगे ने पानी पीना शुरू कर दिया है. जरांगे ने 25 अक्टूबर को दूसरी बार अनशन की शुरुआत की थी. इससे पूर्व उन्होंने पिछले महीने अनशन किया था लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया था. सरकार ने कहा था कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठाओं को उस दौरान के जरूरी दस्तावेज दिखाने पर कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जब यह क्षेत्र निजाम के राज्य का हिस्सा था.
मई 2021 में उच्चतम न्यायालय ने 50 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के उल्लंघन के लिए मराठा समुदाय को आरक्षण की मंजूरी देने वाले महाराष्ट्र के सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 को रद्द कर दिया था.
धाराशिव जिले में कुनबी जाति प्रमाणपत्र बंटना शुूरू
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच बुधवार को राज्य के धाराशिव जिले के अधिकारियों ने मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति के प्रमाण पत्र वितरित करने शुरू किए, जिसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल होने का उनका मार्ग प्रशस्त हो गया. एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह का पहला प्रमाण पत्र सबूत के आधार पर जिले के कारी गांव के सुमित माने को सौंपा गया. जिलाधिकारी सचिन ओम्बासे ने माने को कुनबी जाति प्रमाण पत्र सौंपा. इससे एक दिन पहले राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कहा गया है ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सके.
मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने जल त्यागा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर उपवास पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने जल त्याग दिया है. इससे पहले एबीपी न्यूज़ से उन्होंने बातचीत की थी और कहा कि अगर बुधवार शाम छह बजे तक हमारी मांगों को नहीं माना गया तो वे जल भी त्याग देंगे.
डीजीपी महाराष्ट्र ने दी ये जानकारी
मराठा आरक्षण के बीच हुई हिंसा को लेकर पूरे महाराष्ट्र में 141 मामले दर्ज हुए हैं और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. डीजीपी महाराष्ट्र रजनीश सेठ ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आईपीसी की धारा 307 के तहत 7 लोगों पर मामले दर्ज किए हैं.
पुणे पुलिस ने 500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किया केस
Maratha Reservation: पुणे पुलिस ने मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग को अवरुद्ध करने और टायर जलाने के आरोप में मराठा आरक्षण का समर्थन करने वाले संगठनों के लगभग 500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि मराठों को आरक्षण देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार दोपहर सवा 12 बजे से पौने तीन बजे के बीच पुणे शहर में नवले पुल के पास राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था और टायर जलाए थे. पुलिस ने कहा कि उन्होंने मराठा क्रांति मोर्चा और सकल मराठा मोर्चा के 400 से 500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दूसरों के जीवन को खतरे में डालने और यात्रियों में भय फैलाने सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया है.
बीड में प्रशासन ने हटाया कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद
Maratha Reservation: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में बीड प्रशासन ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान सोमवार को हुई हिंसा के बाद जिले के कुछ हिस्सों में लगाया गया कर्फ्यू बुधवार सुबह हटा लिया है. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र स्थित इस जिले में निषेधाज्ञा जारी रहेगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद हैं.