Maratha Reservation Protest: मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन को सोमवार को हिंसा और आगजनी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने तीन विधायकों के घरों और कार्यालयों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी तथा एक नगरपालिका भवन को फूंकने के साथ सड़क जाम कर दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी.


अगले आदेश तक कर्फ्यू
हिंसा की घटनाएं मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले में हुईं जहां स्थानीय प्रशासन ने उसके कुछ हिस्सों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया. एक इलाके में पुलिस ने मराठा प्रदर्शनकारियों को तितर-बीतर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक नेता के घर के बाहर एकत्र हुए थे. बीड में शाम को स्थानीय एनसीपी कार्यालय को भी फूंक दिया गया.


एनसीपी के दो विधायकों के घरों में आग
अधिकारियों ने बताया कि एनसीपी के दो विधायकों के घरों में आग लगा दी गयी जबकि सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक के कार्यालय में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की. उन्होंने बताया कि कोई हताहत नहीं हुआ. हिंसा और आगजनी की घटनाएं बीड और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में हुईं, जबकि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे आरक्षण की मांग के समर्थन में जालना जिले के एक गांव में अपना आमरण अनशन जारी रखे हुए हैं. उनकी हालत उपवास के आठवें दिन बिगड़ गयी. वह मंच पर गिर गये. वहां मौजूद लोगों ने उनकी सहायता की.


पुलिस ने बताया कि बीड जिले के माजलगाव कस्बे में स्थित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक सोलंकी के आवास में आग लगा दी गई और उस पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पथराव भी किया. समूह ने सोलंकी के आवासीय परिसर में खड़ी एक कार को भी आग के हवाले कर दिया. विधायक का एक ऑडियो ‘क्लिप’ सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद यह घटना हुई. ‘क्लिप’ में एनसीपी विधायक ने कथित तौर पर मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में बोला था और आमरण अनशन पर बैठे जरांगे पर परोक्ष टिप्पणी की थी.


अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत एनसीपी खेमे से ताल्लुक रखने वाले माजलगाव विधायक पूर्वाह्न करीब 11 बजे हुई घटना के समय आवास के अंदर थे, या नहीं. एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मराठा आरक्षण के बारे में विधायक सोलंकी की एक ऑडियो ‘क्लिप’ वायरल होने के बाद यह घटना हुई. स्थानीय स्तर पर बंद का आह्वान किया गया था. विधायक के आवास और एक कार को कुछ लोगों ने आग के हवाले कर दिया और पथराव किया.’’ ऑडियो ‘क्लिप’ में सोलंकी को यह कहते सुना जा सकता है कि ‘‘ यह मुद्दा (आरक्षण की मांग और इसे लागू करने के लिए सरकार को दी गई 40 दिनों की समय सीमा) बच्चे का खेल हो गया है.’’


उन्होंने जरांगे पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह व्यक्ति, जिसने ग्राम पंचायत तक का चुनाव नहीं लड़ा है, आज एक चतुर व्यक्ति बन गया है.’’ वहीं, सोलंकी ने एक समाचार चैनल से कहा कि घटना के समय वह माजलगाव में थे. विधायक ने कहा, ‘‘आंदोलनकारियों ने मेरे आवास को चारों ओर से घेर लिया और कोई भी सुनने को तैयार नहीं था. मेरे घर पर पथराव किया गया और वाहनों को भी आग लगा दी गई. मैं मराठा आरक्षण की मांग के पक्ष में हूं. मैं मराठा समुदाय के समर्थन से चार बार चुनाव जीत चुका हूं और मैं एक मराठा विधायक हूं.’’


विधायक के आवास पर आगजनी के बाद, मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं का समूह वहां से तितर-बितर हो गया और बाद में माजलगाव नगरपालिका परिषद भवन की पहली मंजिल को आग के हवाले कर दिया तथा वहां तोड़फोड़ की. डंडों और पत्थरों से लैस समूह ने पहले इमारत की खिड़कियों के कांच तोड़े.
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद उपद्रवी भवन की पहली मंजिल पर गये और वहां फर्नीचर को आग लगा दी. उन्होंने कहा कि दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई. उन्होंने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.


बीड के पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने कहा, ‘‘जिस भीड़ ने प्रकाश सोलंकी के आवास को आग लगा दी, वह बाद में माजलगाव की नगरपालिका परिषद में गई. उन्होंने नगरपालिका परिषद भवन की पहली मंजिल पर आग लगा दी. पुलिस की टीम तुरंत वहां पहुंची और लोगों को बाहर निकाला.’’ उन्होंने कहा, बीड जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी (लगभग 100 कर्मी) की मांग की गई है.


ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ''अभी तक बीड जिले में तीन से चार स्थानों पर कोटा के समर्थन में विरोध प्रदर्शन जारी है.'' उन्होंने बताया कि पुलिस ने इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है, ताकि नगरपालिका परिषद भवन को आग के हवाले करने वालों की पहचान की जा सके. उन्होंने कहा कि घटना के सिलसिले में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया भी जारी है. पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटना में डंडों से लैस मराठा आरक्षण समर्थकों ने छत्रपति संभाजीनगर जिले के गंगापुर में भाजपा विधायक प्रशांत के कार्यालय में तोड़फोड़ की. पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों ने सत्तारूढ़ दल के विधायक के कार्यालय की खिड़कियों के कांच तोड़ डाले. यह भी बताया कि पूछताछ के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.


मराठा समुदाय के सदस्य सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंसा और आगजनी की ये घटनाएं ऐसे वक्त हुई हैं, जब आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से आमरण अनशन कर रहे हैं. वह मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दूसरे चरण के तहत अनशन पर बैठे हैं.


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