Maharashtra News: मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha Reservation) ने हिंसक रूप धारण कर लिया है और महाराष्ट्र में जगह-जगह प्रदर्शन देखे गए. इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय को भी निशाना बनाया गया. वहीं, हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए अब तक महाराष्ट्र में 140 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 168 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. यह जानकारी महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ ने दी है.


डीजीपी रजनीश सेठ ने कहा, ''मराठा आरक्षण को लेकर अलग-अलग जगहों पर आंदोलन हुए हैं. कुछ आंदोलन शांतिपूर्ण थे तो कुछ उपद्रवी थे. कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है. संभाजी नगर रेंज में कुल 4 मामले दर्ज हुए हैं. 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से बीड़ के 20 मामले हैं. पूरे महाराष्ट्र में 141 मामले दर्ज हुए हैं. कुल 168 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


होमगार्ड के 7000 जवान तैनात
डीजीपी ने बताया कि आईपीसी की धारा 307 के तहत 7 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. संभाजी नगर ग्रामीण, जालना और बीड़ में इंटरनेट सुविधा बंद की गई है. डीजीपी रजनीश सेठ ने बताया कि एसआरपीएफ की 17 टुकड़ियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा बीड़ में आरसीपी की एक टुकड़ी और 7000 होम गार्ड को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में हिंसक प्रदर्शन के दौरान 12 करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है. 


कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई- डीजीपी
राज्य पुलिस के अधिकारी ने कहा कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को निर्देश दे दिए गए हैं कि अगर कोई भी कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करे तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. बता दें कि राज्य में मराठा आरक्षण की मांग पर हो रहे हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए बुधवार को सर्वदलीय बैठक की गई जिसमें सभी ने एकसाथ मनोज जरांगे से अनशन समाप्त करने की अपील की. वहीं, सीएम शिंदे ने कहा कि मनोज जरांगे सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें. मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए सभी पार्टी एकमत है.


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