Maratha Reservation Protest: कोल्हापुर में मराठा संगठनों की ओर से आहूत बंद के दौरान दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान रहे बंद
Maratha Aarakshan Protest: महाराष्ट्र के जालना में हुए लाठी चार्ज की घटना के बाद कोल्हापुर में बंद बुलाया गया था. बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली. शहर में अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
Jalna Maratha Aarakshan Protest: पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मंगलवार को मराठा संगठनों द्वारा आहूत बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली, क्योंकि शहर में अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. सकल मराठा समाज ने कोल्हापुर के दशहरा चौक पर एक आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें पिछले हफ्ते जालना में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा की गई और सरकार से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पर रुख स्पष्ट करने को कहा गया.
पिछले सप्ताह जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद मराठा आरक्षण फिर से सुर्खियों में आ गया.
शांतिपूर्ण रहा बंद
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से अधिकारियों को कथित तौर पर रोक दिया. पुलिस के मुताबिक, कुल मिलाकर बंद शांतिपूर्ण रहा और शहर या जिले में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने कहा, 'शहर के बाजार क्षेत्रों में व्यापारियों ने बंद का समर्थन किया और सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान शाम तक बंद रहे.’’ उन्होंने कहा कि सकल मराठा मोर्चा के सदस्य दशहरा चौक पर एकत्रित हुए और जालना हिंसा पर अपना विरोध दर्ज कराया. अधिकारी ने बताया कि एहतियात के तौर पर राज्य परिवहन और सरकारी बसें सड़क से नदारद रहीं, जबकि निजी वाहन चलते रहे.
स्कूल में छुट्टी
उन्होंने कहा कि स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई थी, जबकि कॉलेज खुले रहे लेकिन उपस्थिति कम रही. शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील पवार ने कहा कि बंद को लोगों से अप्रत्याशित समर्थन मिला. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि जालना में हुई घटना को लेकर लोगों में गुस्सा था, इसलिए उन्होंने खुद ही बंद में हिस्सा लिया. कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.’’ उन्होंने कहा कि सरकार को मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जवाब मांगेंगे कि वह आरक्षण के बारे में क्या कर रहे हैं क्योंकि वह एक मराठा मंत्री हैं.’’