Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र में बढ़ते मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य की स्थिति को संबोधित करने के लिए बुधवार सुबह एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बीच, मराठा आरक्षण की वकालत करने वाले कार्यकर्ता मनोज जारांगे एक सप्ताह से अधिक समय से अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं. उद्धव गुट के नेता और सांसद विनायक राउत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को खत लिखकर समय मांगा है. संजय राउत के नेतृत्व में शिवसेना (UBT) के सांसद और विधायक राष्ट्रपति से मिलना चाहते हैं. मराठा और धनगर आरक्षण पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग इन नेताओं ने की है.


उद्धव ठाकरे गुट ने की ये मांग
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन उग्र हो गया है. कई विधायकों के घर, दफ्तर जलाए गए हैं. एनसीपी पार्टी दफ्तर, बीड का नगरपालिका दफ्तर भी जलाया गया है. मराठा समाज के विधायक मंत्रालय के परिसर में आंदोलन कर रहे हैं. विधायकों की मांग है की एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण पर निर्णय लिया जाए. 


जो विधायक मंत्रालय में है उनके नाम 
1. बाला साहेब आज़बे , एनसीपी (अजित) 
2. डॉ. राहुल पाटील , शिवसेना (UBT)
3. राजू नवघरे , NCP (अजित)
4. निलेश लंकें , NCP (अजित)
5. कैलाश पाटील , शिवसेना (UBT)
6. बाबा साहेब पाटील , NCP (अजित)


मनोज जारंगे की मांग
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मनोज जारांगे ने बुधवार को दोहराया कि अगर मराठा समुदाय को आरक्षण देने की उनकी मांग महाराष्ट्र सरकार ने पूरी नहीं की तो वह आज शाम से पानी पीना बंद कर देंगे. 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में उपवास कर रहे जारांगे ने संवाददाताओं से कहा, सभी दलों के नेताओं को महाराष्ट्र सरकार से राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाने और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कहना चाहिए.


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