Maharashtra: मराठा संगठन ने 11 सितंबर को ठाणे में किया बंद का एलान, इन संगठनों भी ने भी मदद का किया वादा
Jalna Police Lathi charge: बीते दिनों आरक्षण को लेकर प्ररदर्शन कर रहे मराठा समुदाय पर लाठी चार्ज की घटना की लगातार आलोचना हो रही है. इसके विरोध में एक मराठा संगठन ने 11 सितंबर को बंद का एलान किया है.
Maratha Community Thane City Bandh: महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना जिले में पुलिस के हालिया लाठीचार्ज के विरोध में एक मराठा संगठन ने 11 सितंबर को बंद का आह्वान किया है. संभाजी ब्रिगेड समर्थित सकल मराठा मोर्चा की ओर से आहूत बंद को राज्य में विपक्षी दलों के स्थानीय नेताओं ने समर्थन दिया है. यहां शनिवार (9 सितंबर) को विपक्षी दलों की हुई बैठक में, स्थानीय नेताओं ने बंद को अपने समर्थन का ऐलान किया और ठाणे के लोगों से इसमें हिस्सा लेने की अपील की.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नगर इकाई के प्रमुख सुहास देसाई, शिवसेना (यूबीटी) के नगर अध्यक्ष प्रदीप शिंदे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता रवींद्र मोरे, अविनाश जाधव, मराठा क्रांति मोर्चा के नगर प्रमुख रमेश अम्ब्रे और कांग्रेस की नगर ईकाई के अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने बैठक में हिस्सा लिया. इस महीने की शुरुआत में, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किये जा रहे आंदोलन ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक रूप ले लिया था. इस वजह से दर्जनों पुलिस कर्मी समेत कई लोग जख्मी हो गए थे.
प्रदर्शन में घायल हो गये थे कई पुलिस अधिकारी
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को भीड़ ने अधिकारियों को कथित रूप से अस्पताल नहीं ले जाने दिया था. इस प्रदर्शन के दौरान चालीस से अधिक पुलिस के जवान और अधिकारी घायल हो गये थे. प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र राज्य परिवहन की कई बसों को आग लगा दिया था. पुलिस के द्वारा किये गये लाठी चार्ज की प्रदेश की विपक्षी पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) ने कड़ी आलोचना की थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग को लेकर बीते 29 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू किया था. महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आबादी लगभग 32 फीसदी से अधिक है, इस समुदाय को प्रदेश सरकार ने नौकरी सहित कई क्षेत्रों में 16 फीसदी आरक्षण दिया था. प्रदेश सरकार से मिले इस आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. इसी क्रम में आरक्षण के लिए प्रदेश के अलग-अलग मराठी समुदाय ने मनोज जारांगे की अगुवाई में भूख हड़ताल शुरू किया था. आंदोलन को दौरान भीड़ ने हिसंक रुख अख्तियार कर लिया था. इसको तितर बितर करने और हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था.
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