Maratha Reservation Update: महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित करवाया और संबंधित अधिकारियों को मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नया कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया. इस तरह सरकार ने मराठा समुदाय के सदस्यों के लिए ओबीसी श्रेणी में आरक्षण का लाभ उठाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.


एक सरकारी प्रस्ताव में अधिकारियों से उन पुराने दस्तावेजों का अनुवाद करने को कहा है जिनमें कुनबी का जिक्र है तथा जो ऊर्दू एवं 'मोदी' लिपि में लिखे गए हैं. इन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण और सत्यापन किया जाना है और फिर उन्हें सार्वजनिक रूप से सामने रखना है. इस निर्णय से एक दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने 1.72 करोड़ पुराने दस्तावेजों (जिनमें निजाम काल के दस्तावेज भी हैं) की समीक्षा की और उनमें ऐसे 11530 रिकॉर्ड पाए गए जहां कुनबी जाति का उल्लेख है.


एजुकेशन और इंप्लॉईमेंट में रिजर्वेशन का पात्र
महाराष्ट्र में कृषि कार्य से जुड़ा समुदाय कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आता है और उसे शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलता है. 


कुनबी जाति के प्रमाणपत्र की क्या है रणनीति?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय को साधने के लिए कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने का फैसला किया है. क्योंकि वो खुद भी मराठा हैं और अपना जनाधार खिसकता देख उन्होंने यह रणनीति बनाई है. सीएम शिंदे ने यह स्पष्ट किया था कि जिनके पास भी कुनबी जाति के साक्ष्य होंगे, उन्हें ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किया जा सकताह है. 


आरक्षण मुद्दा सुलझाने के दो तरीके?
सीएम एकनाश शिंदे ने मराठा आरक्षण सुलझाने के दो फॉर्मूले दिए हैं. पहला तो ये कि कुनबी प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाए और दूसरा यह कि सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन लगाई जाए.


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