मुंबई: यहां की एक अदालत ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में सोमवार को लोकसभा सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके पिता के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट जारी किया. इससे पहले, अदालत ने सितंबर में राणा और उनके पिता के खिलाफ गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant ) जारी किया था. इस वारंट पर अमल नहीं हुआ था. अदालत के इस कदम से राणा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. दरअसल बंबई हाई कोर्ट ने 2021 में अमरावती की सांसद को जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किया गया था.
अदालत ने क्या निर्देश दिए हैं
मामला सोमवार को सुनवाई के लिए आया तो पुलिस ने अमरावती की सांसद और उनके पिता के खिलाफ जारी वारंट की तामील के लिए और समय मांगा. हालांकि, अदालत ने पुलिस के अनुरोध को खारिज करते हुए तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पीआई. मोकाशी ने दोनों के खिलाफ एक नया वारंट जारी किया.
अदालत ने वारंट पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए मामले की सुनवाई 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी. मुंबई के मुलुंड पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार राणा और उनके पिता ने कथित तौर पर जाली जाति प्रमाण पत्र बनवाया था, क्योंकि जिस सीट से वह सांसद निर्वाचित हुई हैं वह अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. बांबे हाई कोर्ट ने 2021 में अमरावती की सांसद को जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किया गया था.
क्या है नवनीत राणा पर आरोप
इस मामले में शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल और सुनील भालेराव बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनका आरोप है कि सांसद नवनीत राणा ने अपने चुनावी हलफनामे में जो जाति का प्रमाण पत्र लगाया है, वह फर्जी है. इस मामले में सुनवाई के दौरान 2021 में हाईकोर्ट ने नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था. इस वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता खतरे में आ गई थी. मुंबई हाई कोर्ट के फैसले को नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद फिलहाल हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है.
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