Maharashtra Budget Session: मंत्री विजय वडेट्टीवार ने सदन में बताया, कोरोना से जान गंवाने वालों के इतने परिजनों को दिया गया मुआवजा
Maharashtra Budget Session: महाराष्ट्र बजट सेशन में मंत्री विजय वडेट्टीवार ने सदन में बताया कि राज्य में कोरोना की चपेट में आने से जान गंवाने वालों के कितने परिजनों को मुआवजा दिया गया.
Maharashtra Budget Session: महाराष्ट्र बजट सेशन में मंत्री विजय वडेट्टीवार ने सदन में बताया कि राज्य में कोरोना की चपेट में आने से जान गंवाने वालों के कितने परिजनों को मुआवजा दिया गया. मंत्री विजय वडेट्टीवार ने सदन को बताया कि अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मंजूरी दी जा चुकी है.
मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक एक लाख, 54 हजार और 500 लोगों को मुआवजे की मंजूरी दी जा चुकी है. हालांकि महाराष्ट्र में दर्ज की गई कोविड मौतों की संख्या (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार) 1.43 लाख है
Maharashtra Assembly Budget session | On a question of aid given to the families, members of which have lost their lives due to #COVID19, Minister Vijay Wadettiwar informed the House that the state govt has approved 1,54,500 applications so far.
— ANI (@ANI) March 14, 2022
(File photo) pic.twitter.com/FKRhoj3MMq
मृतकों के परिजनों से राज्य सरकार को कुल 2.44 लाख आवेदन 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि के लिए प्राप्त हुए थे. वरिष्ठ आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने टीओआई को बताया कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (एससी) के दिशानिर्देशों के अनुसार और शिकायत निवारण समितियों द्वारा स्वीकृत आवेदनों के अनुसार 1.63 लाख आवेदनों को मंजूरी दी है. एक अधिकारी ने कहा, "भुगतान के लिए 15,000 से अधिक अपीलों को मंजूरी दी गई है, और सुनवाई के लिए 15,000 अन्य अपीलों को मंजूरी दी गई है."
एक अधिकारी ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने अब तक 1.30 लाख आवेदकों को 650 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. अधिकारी ने कहा, "यह एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन घटते मामलों और मौतों के साथ, अगले महीने आवेदनों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है." 60,000 से अधिक आवेदन खारिज कर दिए गए हैं और 15,000 आवेदन अभी भी लंबित हैं.
एससी के निर्देश के साथ कि न केवल उन लोगों को भुगतान का भुगतान किया जाए जिनके नाम आधिकारिक तौर पर कोविड -19 के कारण मृत्यु के रूप में दर्ज किए गए हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी जो सकारात्मक परीक्षण के 30 दिनों के भीतर मर गए, संख्या बढ़ने की उम्मीद थी. आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि राशि के वितरण से पहले सभी आवेदनों की जांच की गयी.
सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों पर सोमवार चिंता जतायी और कहा कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इसका ‘दुरुपयोग’ किया जा सकता है और उसे लगता था कि ‘नैतिकता’ का स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता.
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने कहा, ‘हमने कभी उम्मीद नहीं की थी और कभी सोचा नहीं था कि इसका भी दुरुपयोग किया जा सकता है. यह शुचिता का काम है और हमने सोचा था कि हमारी नैतिकता इतनी नीचे नहीं गिरी है कि इसमें कुछ झूठे दावे भी होंगे. हमने यह कभी सोचा नहीं था.’
पीठ ने मुआवजा देने के लिए दिए जा रहे कोविड-19 से मौत के फर्जी प्रमाणपत्रों पर पिछले सप्ताह चिंता जतायी थी और कहा था कि वह इस मुद्दे की जांच का आदेश दे सकता है. पीठ ने कहा था कि अगर ऐसे फर्जी दावों में अधिकारी शामिल है तो यह ‘बहुत गंभीर बात’ है.
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