Maharashtra News: मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने मुंबई को रिंग रोड के नेटवर्क से जोड़ने की एक मेगा योजना शुरू की है. इस योजना पर 58,000 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा, जिसके लिए MMRDA से मंजूरी मिल गई है. इस योजना के माध्यम से 90 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें, पुलों और टनल्स का निर्माण किया जाएगा.
इसमें शहर को सभी तरफ से कवर करना और उपनगरीय बस्तियों को बिना किसी रुकावट के कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के साथ ही उत्तर में गुजरात बॉर्डर, दक्षिण में कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र तक आसानी से पहुंच की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है.
MMRDA की मेगा योजना से क्या होगा फायदा?
मुंबई ट्रैफिक जाम और बढ़ती भीड़भाड़ से जूझ रही है. हालांकि हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है. एमएमआरडीए ने अब सड़कों, पुलों और सुरंगों के नए नेटवर्क के माध्यम से शहर के मुख्य भाग से भारी यातायात को दूर करने, तेज और अधिक कुशल यात्रा विकल्प देने के मकसद से अपनी मेगा योजना का अनावरण किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना से शहर में भीड़भाड़ कम होगी, यातायात की समस्या कम होगी और अगले पांच वर्षों में यात्रा के समय में कटौती की जा सकेगी.
मेगा योजना के केंद्र में सात बाहरी और आंतरिक रिंग रोड हैं जो वर्तमान में टेंडर और विकास के विभिन्न चरणों में हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) जैसे अलग-अलग विकास प्राधिकरण रिंग रोड नेटवर्क बनाने में एमएमआरडीए में शामिल होंगे.
'मुंबई इन मिनट्स' का लक्ष्य
मौजूदा बुनियादी ढांचे पर बोझ को कम करने के लक्ष्य के साथ, इनमें से अधिकांश नई सड़कों पर टोल लगाया जाएगा. इन्हें 'मुंबई इन मिनट्स' के दृष्टिकोण के अनुरूप बिना किसी बाधा के कनेक्टिविटी के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य शहर भर में यात्रा के समय को एक घंटे से कम करना है.
एमएमआरडीए कमिश्नर डॉ. संजय मुखर्जी ने कहा, ''जब हम 'मुंबई इन मिनट्स' कहते हैं, तो शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक यात्रा करने में 59 मिनट से ज्यादा नहीं लगना चाहिए.'' नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और वाधवान बंदरगाह जैसी अहम परियोजनाओं के साथ आने वाले वर्षों में यातायात को मैनेज करने के लिए ये नई सड़कें जरुरी हैं.
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