Maharashtra News: मराठा आरक्षण पर मनसे चीफ राज ठाकरे का बड़ा दावा, 'झूठे वादों में न फसें, यह तकनीकी...'
Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर एक्टिविस्ट मनोज जरांगे जहां आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं एमएनएस चीफ ने आरक्षण को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने मराठा समुदाय से खास अपील भी की है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कहा कि उन्होंने मनोज जरांगे (Manoj Jarange) से कहा था कि मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) तकनीकी तौर पर संभव नहीं है. उन्होंने मराठा समुदाय से अपील की कि वे झूठे वादों के झांसे में न आएं.
अपनी पार्टी के 18वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकरे ने नासिक में कहा कि अगर एक समुदाय को सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देना शुरू किया गया तो बाकी समुदाय भी यही मांग करेंगे. जब मैं जरांगे से मिला, मैंने उनसे कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देना तकनीकी रूप से संभव नहीं है.
राज ठाकरे ने कहा कि ''इसके लिए लोकसभा का सत्र जरूरी है. यह केवल मराठा का मुद्दा नहीं है बल्कि हर राज्य के समुदायों का मुद्दा है. अगर एक समुदाय को आरक्षण मिलता है तो बाकी के समुदाय भी मांग करेंगे. इसलिए मैं मराठा भाइयों अपील करता हूं कि झूठे वादों के झांसे में न आएं.''
रातोंरात सफल नहीं हुए पीएम मोदी- राज ठाकरे
एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करेगा और 9 अप्रैल को पार्टी की गुड़ी पड़वा मीटिंग के दौरान इस बारे में जानकारी साझा की जाएगी. हम अपने ईमानदार रुख के कारण निश्चित रूप से सफलता पाएंगे. ठाकरे ने इस दौरान पीएम मोदी का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को रातोंरात सफलता नहीं मिली. 1952 में जनसंघ की स्थापना हुई और 1980 में बीजेपी बनी. यहां तक कि अटलजी की सरकार भी 13 दिन में गिर गई और 13 महीने और साढ़े चार साल तक चली. इसके बाद, कांग्रेस ने 10 साल शासन किया, और बीजेपी 10 वर्षों से सत्ता में है.
छत्रपति शिवाजी मेमोरियल पर यह बोले राज ठाकरे
राज ठाकरे ने अरब सागर पर बन रहे छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कांग्रेस की सरकार के समय से लंबित है. प्रधानमंत्री मोदी भी भूमि पूजन के लिए आए, लेकिन परियोजना अब तक पूरी नहीं हो पाई. उस वक्त भी, मैंने कहा था कि यह असंभव है क्योंकि समुद्र में स्टैचू बनाने के लिए 25 हजार से 30 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. असली मेमोरियल वह किला है जो शिवाजी ने बनवाया था. उन्होंने शिवाजी के किले के पुनरुद्धार की मांग की.
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