Maharashtra Lok Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है. इसी बीच शनिवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के पक्ष में एक रैली को संबोधित किया.


इस दौरान मनसे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अगर उद्धव ठाकरे के ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को साझा करने की बात मान ली होती तो वे उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलते और सत्ता के लिए चुप ही रहते.  


‘नोटबंदी और मूर्तियों पर खर्च आज भी स्वीकार नहीं’
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने कल कहा कि कोंकण का कारोबार गुजरात जा रहा है. आप 2014 से 2019 तक उनके (बीजेपी) साथ रहे, तब आपने विरोध क्यों नहीं किया? क्या ऐसी कोई जानकारी नहीं है जो कहती हो कि कोंकण में प्रोजेक्ट आया तो धमाका हो जाएगा? परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई में स्थित है."


मनसे चीफ ने आगे कहा, "मैं सीधा चलने वाला हूं. ठाकरे को आनुवांशिक समस्या है. अगर मैं किसी बात से सहमत हूं तो मैं सहमत हूं. यदि मैं नहीं मानूंगा तो अंत तक नहीं मानूंगा. मैंने 2019 के विधानसभा चुनाव में सार्वजनिक रूप से मोदी का विरोध किया था. कुछ बातों पर आज भी सहमति नहीं है. हमें इस बारे में खुला रहना होगा. ये बातें नहीं मानीं और ये बातें मान लीं. नोटबंदी और मूर्तियों पर खर्च जैसी कई चीजें आज भी स्वीकार्य नहीं हैं."


‘धारा 370 हटने के बाद बधाई देने वालों में मैं सबसे पहले था’
राज ठाकरे ने आगे कहा, "मैं उन चीज़ों का सार्वजनिक प्रशंसक हूं जो काम करती हैं. मुझे कब से राजनीति की समझ आ गई या हास्य की समझ आ गई. तब से मैं देखता और पढ़ता आ रहा हूं. यह तभी से चला आ रहा है. धारा 370 ख़त्म करो. हालांकि, मोदी ने इसे रद्द कर दिया. आपको यह स्वीकार करना होगा. जब कश्मीर में धारा 370 हटाई गई तो सबसे पहले बधाई देने वालों में मैं ही था."


‘नरेंद्र मोदी की सरकार के कारण राम मंदिर बना’
राज ठाकरे ने कहा, "जब बाबरी मस्जिद का विषय आया, देशभर से कारसेवक अयोध्या गए. वहां कारसेवकों की हत्या कर दी गई. साल 1992 में बाबरी की छत ढहा दी गई. आज राम मंदिर का पहला हिस्सा खड़ा हो गया. जैसा कश्मीर का हुआ, वैसा ही राम मंदिर का हुआ. नरेंद्र मोदी की सरकार के कारण राम मंदिर खड़ा हुआ. कार सेवकों की आत्मा को शांति मिली. अगर नरेंद्र मोदी नहीं होते तो यह राम मंदिर खड़ा नहीं होता. हमें मित्र को डांटने में संकोच नहीं करना चाहिए और शत्रु की प्रशंसा करने में संकोच नहीं करना चाहिए."


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