Raj Thackeray on Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दो महीने बाद रिजल्ट पर सवाल उठाया है. मुंबई के वर्ली में आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में राज ठाकरे ने चुनाव के नतीजों पर आशंका जताई, बल्कि अप्रत्यक्ष तौर पर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा. उन्होंने कहा कि बीजेपी का 132 सीटें जीतना समझ में आता है, लेकिन अजित पवार को 41 सीटें और शरद पवार को सिर्फ 10 सीटें मिलना समझ से परे है.


वर्ली में पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा, "चुनाव परिणाम के बाद कुछ चीजों पर विश्वास बैठ ही नहीं रहा है. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में अलग ही तरह का सन्नाटा पसरा था, ऐसा सन्नाटा कभी नहीं देखा. रिजल्ट के बाद जीते हुए कई लोगों ने मुझे फोन किया, उन्हें भी अपनी जीत पर भरोसा नहीं हो रहा था."


लोगों ने हमें वोट दिया लेकिन पहुंचा नहीं- राज ठाकरे 
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, "लोगों ने हमें वोट दिया है, लेकिन वो हम तक नहीं पहुंचा, गायब हो गया. अगर ऐसा होता है, तो चुनाव न लड़ना ही ठीक है. कल्याण ग्रामीण सीट पर हमारे पार्टी के उम्मीदवार राजू पाटील को उनके ही गांव में एक भी वोट नहीं मिला, जो वहां से विधायक रह चुके हैं. ऐसी अन्य कई चीजें हैं जिन पर विश्वास नहीं हो रहा है. लोगों में भी विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर संभ्रम है."


खुद पर लगे आरोपों का दिया जवाब
राज ठाकरे ने खुद पर लगाए जा रहे आरोपों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, "उन पर आरोप लगाया जाता है कि वे हमेशा अपना स्टैंड बदलते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों ने कभी ना कभी अपनी भूमिका बदली है. मैंने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कभी स्टैंड नहीं बदला."


बीजेपी का साथ ईडी केस के कारण देने के आरोपों पर सफाई देते हुए राज ठाकरे ने कहा, "मैं शिवाजी महाराज की कसम खाकर बताता हूं कि मैंने बिजनेस किया था. कोहिनूर मिल के लिए हमने टेंडर भरा था. हमें टेंडर मिल गया था, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण हम उस डील से बाहर निकल गए."


विधानसभा चुनाव में नहीं मिली एक भी सीट
राज ठाकरे ने लोकसभा चुनाव में एनडीए (महाराष्ट्र में महायुति) का समर्थन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के 123 उम्मीदवार खड़े किए थे. इनमें सभी उम्मीदवार हार गए थे. यहां तक कि मुंबई की माहिम सीट से उनके बेटे अमित ठाकरे भी हार गए. चुनाव परिणाम आने के बाद अन्य विपक्षी दल जहां हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते रहे, वहीं राज ठाकरे ने चुप्पी साध रखी थी.



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