Mumbai : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के सहयोगी कुंदन शिंदे को यहां की एक विशेष अदालत ने धन शोधन (Money Laundering) के एक मामले में बुधवार को जमानत दे दी. हालांकि, शिंदे जेल में ही रहेंगे क्योंकि वह भ्रष्टाचार के एक मामले में भी आरोपी हैं.  उस मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रहा है. धन शोधन मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी कर रहा है.


ईडी ने वर्ष 2021 के जून में किया था गिरफ्तार


ईडी ने शिंदे को धनशोधन के मामले में उनकी कथित भूमिका को लेकर वर्ष 2021 के जून में गिरफ्तार किया था. शिंदे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख के उस वक्त निजी सहायक थे, जब देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे. विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने बुधवार को शिंदे की जमानत याचिका मंजूर कर ली. मामले के अन्य आरोपियों में अनिल देशमुख और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे शामिल हैं.


देशमुख जमानत पर जेल से बाहर, वाजे हैं अब भी अंदर


देशमुख जमानत पर जेल से बाहर हैं. वाजे अभी न्यायिक हिरासत में हैं. अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह के जरिए दायर की गई जमानत अर्जी में शिंदे ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी और उन्हें हिरासत में रखे रहना कानून की प्रक्रिया का ‘घोर दुरूपयोग’ है. ईडी ने दावा किया है कि वाजे ने अपने बयान में कहा था कि देशमुख ने उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री के सरकारी आवास पर एक बैठक के दौरान शिंदे से मिलवाया था.


बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही का है आरोप


ईडी के मामले में आरोप लगाया गया है कि देशमुख ने गृह मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वाजे के माध्यम से मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही की. देशमुख ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि ईडी का पूरा मामला वाजे के दिए गए दुर्भावनापूर्ण बयानों पर आधारित है.


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