Maharashtra Corona Death: महाराष्ट्र में कोरोना जनवरी में कोरोना की तीसरी लहर के बाद इस संक्रमण से जान गंवाने वालों का आंकड़ा भी बढ़ गया था. हालांकि स्टेट टास्क फोर्स का कहना है कि राज्य में कोरोना के साथ-साथ कुछ मौतें ऐसी भी हुईं हैं जिनका कारण असल में कोरोना संक्रमण नहीं था.


इसे लेकर राज्य टास्क फोर्स के सदस्य राहुल पंडित ने कहा, ''कई मरीज कोरोना के संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हुए. एक प्रकार, इसे 'संयोग से कोविड रोगी' कहा जा सकता है. उन मरीजों को पहले से ही कई गंभीर बीमारियां थी जिसके चलते उनकी मौक की आशंका ज्यादा बढ़ गई थी. कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा इन मरीजों की मौत के कारण ज्यादा बढ़ा. ''


उन्होंने आगे कहा, ''मौत के आंकड़े का गहन अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि ये मौत श्वसन या निमोनिया से संबंधित मौत नहीं है. इन मौतों का कारण कुछ और ही है. कोविड इंफेक्शन की पुष्टि तो अस्पताल में भर्ती होने पर करवाया गया. अस्पताल में भर्ती होने पर यह टेस्ट करना जरूरी है.''


वहीं, पुणे कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. कपिल जिर्पे ने कहा, 'कई आकस्मिक मौतों को कोविड की मौत के रूप में चिह्नित किया जा सकता है. डेल्टा वेरिएंट में शरीर के ओर भी अंगों को भी संक्रमित करता है जिसमें दिमाग और फेफड़े शामिल हैं.'


एक अनुमान के मुताबिक इस साल जनवरी में करीब 1043 लोगों की जान कोरोना ने ली है वहीं करीब 450 मौत ऐसी हैं जिनका कारण अन्य बीमारियां हैं. इसमें हाईपर टेशंन और डाबिटिज जैसी बीमारियां शामिल हैं. इनमें करीब 15 से 20 प्रतिशत मौतें उन मरीजों की हुई है जिसमें मरीज अस्पताल में किसी और बीमारी के कारण आया था लेकिन बाद में वह कोरोना से संक्रमित पाया गया.


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