(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Border Dispute: श्रीकांत शिंदे बोले- 'सीमा विवाद को बेहतर समझते हैं CM, उचित कदम उठाएगी सरकार'
महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के मुद्दे को विपक्ष ने जोरशोर से उठाया. इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव की मांग की. इस बीच श्रीकांत शिंदे ने प्रतिक्रिया दी.
Maharashtra News: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीम विवाद का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव की मांग की. इसी बीच शिवसेना सांसद और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बेटे श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार कर्नाटक के साथ महाराष्ट्र के सीमा विवाद (Border Dispute) पर उचित कदम उठाएगी.
सीमा विवाद को बेहतर समझते हैं सीएम- श्रीकांत शिंदे
इस मुद्दे पर सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीकांत शिंदे ने कहा कि पूर्व में सीमा विवाद को लेकर हुए एक आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए सीएम शिंदे जेल भी जा चुके हैं, इसलिए वह इस विवाद की गंभीरता को भलीभांति समझते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महाराष्ट्र एकीकरण समिति के साथ है और इस मुद्दे को लेकर उचित कदम उठाएगी.
एक-एक इंच की लड़ाई लड़ेगी सरकार
इससे पहले आज महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे ने कहा था कि कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों को न्याय मिले यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार जो कुछ भी कर सकती है वह करेगी, उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार एक-एक इंच जमीन के लिए भी लड़ाई लड़ेगी.
सत्तार के इस्तीफे की मांग पर क्या बोले सीएम
वहीं सार्वजनिक इस्तेमाल की एक चराई की जमीन के कब्जे का नियमितीकरण एक निजी शख्स को करने के मामले में हुई कथित अनियमितता के आरोप में विपक्ष द्वारा कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग पर शिंदे ने कहा कि विपक्ष के पास अब उठाने के लिए असल मुद्दे नहीं बचे हैं इसलिए वे बिना रिसर्च के आरोप लगा रहे हैं.
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में राजस्व मंत्री रहने के दौरान जून 2022 में अब्दुल सत्तार ने भूमि नियमितीकरण का आदेश पारित किया था. विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने आरोप लगाया कि इस आदेश के तहत 150 करोड़ रुपये की अनियमितताएं हुई हैं और सत्तार का भूमि नियमितीकरण आदेश अदालत के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि मंत्री सत्तार ने अपने पद का दुरुपयोग किया था, इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए. यदि वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. वहीं इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी 2023 को होगी.
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