Maharashtra: महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष की मांग- तांत्रिक और स्वयंभू संतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो
Maharashtra News: महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (MSWC) ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े अंधविश्वासों की घटनाओं को लेकर तांत्रिकों और स्वयंभू संतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
MSWC Action Against Tantriks: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र में महिलाओं और लड़कियों को जादू टोना के जरिए प्रताड़ित करने की घटनाएं हो रही हैं. यहां लगातार हो रही घटनाओं से समाज के सामने कई तरह के अंधविश्वासों की तस्वीर सामने आ रही हैं. इसका शिकार महिलाएं और मासूम बच्चे होते हैं. इस पर महाराष्ट्र महिला आयोग (MSWC) की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर (Rupali Chakanka) ने अपनी राय रखी है. महाराष्ट्र महिला आयोग ने सोमवार को अंधविश्वास को बढ़ावा देने को लेकर तांत्रिकों और स्वयंभू संतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. राज्य के विभिन्न शहरों की महिलाओं और बच्चों की ओर से मिली शिकायत के बाद आयोग ने यह कदम उठाया.
महिला आयोग ने औरंगाबाद, नागपुर और पुणे में हाल ही में दर्ज कराई गई घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया और अंधविश्वास की प्रथा को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने कहा, ‘‘हमने नागपुर पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तांत्रिकों और बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा है.’’ रूपाली ने कहा कि नागपुर में एक तांत्रिक के निर्देश पर बोलने में असमर्थ छह वर्षीय लड़की को उसके माता-पिता ने कथित तौर पर मार डाला था. तांत्रिक ने दावा किया था कि बच्ची पर एक बुरी आत्मा का साया था.
उन्होंने कहा कि इसी तरह औरंगाबाद में एक अन्य घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है. जिसमें एक स्वयंभू संत को महिला के सिर पर हाथ रखते हुए देखा जा सकता है, जो उसे सभी बीमारियों से ठीक करने का दावा करता है. रूपाली ने कहा कि इसी तरह पुणे में एक महिला को बेटे को जन्म देने के लिए लोगों के सामने निर्वस्त्र होकर स्नान करने के लिए मजबूर किया गया था. इस घटना के बाद महिला के पति, ससुराल वालों और ओझा को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
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