लाड़ली बहन योजना की वजह से बंद हो जाएगी दूसरी स्कीम? महाराष्ट्र सरकार ने कर दिया साफ
Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि किसान खुदकुशी करेंगे तो उनके परिजनों को राहत राशि नहीं मिलेगी. फैसले का विरोध हुआ तो सरकार ने फैसला वापस ले लिया.
Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' के कारण वित्तीय सहायता की कोई अन्य योजना बंद नहीं की जाएगी. एक कैबिनेट बैठक के बाद एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से जारी एक बयान में उन रिपोर्टों का खंडन किया गया, जिसमें कहा गया कि किसानों की आत्महत्या के मामले में उनके परिवारों की मदद को रोका जाएगा.
'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' योजना के तहत अब तक 1.59 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में 4,887 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. इस योजना का लक्ष्य 2.5 करोड़ महिलाओं को लाभ प्रदान करना है. योजना के नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के बाद इसे 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं के बैंक खाते में हर महीने 1500 रुपये जमा करवाये जाते हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में यह योजना शुरू की गई है.
शिंदे सरकार की ओर से क्या कहा गया?
महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी में कहा गया कि लाड़ली बहन योजना की वजह से अन्य योजनाएं बंद नहीं होगी. किसान परिवारों को मिलने वाली सहायता बंद होने की खबर भी गलत है. किसानों की आत्महत्या के मामले में उनके परिवारों की मदद कहीं भी नहीं रोकी गई है. इसके लिए पर्याप्त प्रावधान उपलब्ध है और जब कोई प्रावधान नहीं होता तो असुविधा से बचने के लिए माइनस अथॉरिटी सुविधा का उपयोग होता है.
बता दें कि सरकार की तरफ से मंगलवार को आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजन की मदद में इमरजेंसी फंड की मंजूरी रोकने के लिए एक सरकारी संकल्प जारी किया था. इस आदेश का सर्कुलर सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को भेजा गया था. योजना के तहत आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को राज्य सरकार की तरफ से एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है.
राजस्व विभाग ने इसे रोकने का फैसला किया था. नए सर्कुलर के बाद प्रदेश में राजनीति माहौल गरमा गया है. विपक्ष की तरफ से महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि 'मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना' की वजह से किसानों के खिलाफ ये फैसला लिया गया है. विरोध होने पर सरकार ने फैसला वापस ले लिया है.
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