Missing Boy Tracked By QR Code Locket: आधुनिक तकनीक की वजह से इंसान के जीवन में कई चीजें आसान हो गई हैं. तकनीक की वजह से मुश्किल से मुश्किल समाधान का हल निकालना संभव हो पाया है. मुंबई के वर्ली स्थित अपने घर से लापता हुआ 12 साल का बच्चा टेक्नोलॉजी की वजह से 6 घंटे बाद ही मिल गया. बच्चा गले में एक पेंडेंट वाला लॉकेट पहना हुआ था और इसी ने बच्चे को उसके परिवार से मिलने में मदद की.
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल 12 साल का जो बच्चा गुम हो गया था वो मानसिक रुप से कमजोर था. वर्ली स्थित अपने घर से लापता हुआ 12 वर्षीय दिव्यांग लड़का छह घंटे बाद ही तकनीक की बदौलत मिल गया. दिव्यांग बच्चे ने पेंडेंट वाला लॉकेट पहना हुआ था, जिसमें एक क्यूआर कोड था, जिसमें उसके कॉन्टेक्ट डिटेल्स सूचीबद्ध थे.
क्यूआर कोड लॉकेट से मिला लापता बच्चा
जानकारी के मुताबिक दिव्यांग बच्चा गुरुवार (11 अप्रैल) को शाम को अपने वर्ली स्थित घर से लापता हो गया था और बाद में शाम को कोलाबा में उनका पता लगाया गया. जब लॉकेट के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया, तो संपर्क डिटेल्स सामने आया जिससे उसे अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ने में मदद मिली. बताया जा रहा है कि 12 साल का बच्चा पड़ोस के अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था, तभी वह गुम हो गया.
QR कोड स्कैन करने पर पुलिस ने परिवार से संपर्क किया
पुलिस को कोलाबा के रीगल सिनेमा जंक्शन के पास एक स्पेशल चाइल्ड के अकेले घूमने की सूचना मिली. पुलिस अधिकारियों ने कहा, "एक अधिकारी ने लड़के के गले में लॉकेट देखा और क्यूआर कोड देखा. इसे स्कैन किया गया और हमें इसमें से कुछ फोन नंबर मिले. फिर परिजनों से संपर्क किया गया और डिटेल्स की पुष्टि करने के बाद लड़के को उसके पिता को सौंप दिया गया.
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