Mumbai News: बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) पुलिस ने शनिवार को एक 72 वर्षीय महिला को कानून की डिग्री के बिना वकील के रूप में प्रैक्टिस करने के आरोप में गिरफ्तार किया. उस पर आवश्यक लाइसेंस कार्ड के बिना बांद्रा में पारिवारिक अदालत में सात साल तक प्रैक्टिस करने का आरोप है. आरोपी की पहचान पाली हिल निवासी रेबेका मोर्दकै उर्फ काशीनाथ सोहोनी के रूप में हुई है. उनके खिलाफ इस साल 9 जून को बीकेसी पुलिस स्टेशन द्वारा धोखाधड़ी, जालसाजी और प्रतिरूपण के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
कई बार मामलों में पेश हो चुकी है महिला
प्राथमिकी के अनुसार, वह 2015 में कम से कम तीन मौकों पर और 2021 में दो बार एक पारिवारिक अदालत में वकील के रूप में पेश हुई. रविवार को बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत से अपनी पुलिस हिरासत की मांग करते हुए, बीकेसी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने मजिस्ट्रेट से कहा, “वह विभिन्न अदालतों में एक वकील के रूप में पेश हुई और लोगों के साथ-साथ न्यायपालिका को भी धोखा दिया. वह एक लाइसेंस का इस्तेमाल कर रही थी जो किसी और के नाम पर था. उसने अपनी कानून की डिग्री या लाइसेंस कार्ड जमा नहीं किया और पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया. सत्र अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है."
मामले के शिकायतकर्ता ने बताई यह बात
शिकायतकर्ता, 44 वर्षीय, अकबर खान, एक वकील, ने बताया, “पिछले साल दिसंबर में, मुझे पता चला कि वह फैमिली कोर्ट में पेश हो रही थी और बिना लाइसेंस या डिग्री के वकालतनामा दाखिल कर रही थीं. मैं दस साल तक एक रिक्शा चालक था और साथ ही मैंने अपना कानून की पढ़ाई पूरी किया और एक वकील हूं. मुझे लगा कि यह बहुत अनुचित है कि कोई वकील हुए बिना कानून की प्रैक्टिस कर रहा है. इसलिए इस साल फरवरी में मैंने पुलिस, बार काउंसिल और फैमिली कोर्ट में लिखित शिकायत दर्ज कराई. महाराष्ट्र और गोवा के बार काउंसिल के सचिव ने भी बीकेसी पुलिस स्टेशन को एक पत्र में जवाब दिया है कि वह एक वकील के रूप में उनके साथ नामांकित नहीं है.
मजिस्ट्रेट अदालत ने महिला को आगे की जांच के लिए रविवार को 20 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.बकौल द इंडियन एक्सप्रेस पुलिस ने कहा कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि वह किसके सनद नंबर का इस्तेमाल कर रही थी, जिसने जालसाजी में उसकी मदद की, और उन्हें अन्य अदालतों में सबूत हासिल करने की जरूरत है जहां उसने वकालतनामा दायर किया है.