76 year old gets jail for molesting child: मुंबई की एक विशेष पोक्सो अदालत ने एक 11 वर्षीय बच्चे के माता-पिता की इसलिए सराहना की क्योंकि उन्होंने साल 2018 में अपनी बेटी का यौन शोषण करने वाले एक वरिष्ठ नागरिक (जो अब 75 वर्ष का है) की  तुरंत रिपोर्ट कर कई मासूम बच्चों की मदद की. यह देखते हुए कि इस तरह के अपराध बच्चों और उनके माता-पिता के मन में भय पैदा करते हैं और उनकी स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं, अदालत ने प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को दोषी ठहराया और पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.


पीड़िता को 10 हजार रुपए मुआवजे का आदेश


 कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया और इस राशि में से 10 हजार रुपए बतौर मुआवजा बच्चे को देने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि बच्चे को हुए मानसिक आघात के लिए उसे मुआवजा देने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि आरोपी बच्चों के साथ अश्लील हरकतें करने का आदी था और इन घटनाओं को रिपोर्ट नहीं किया गया था, लेकिन पीड़िता के माता-पिता ने बिना देरी के तुरंत व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, उनके प्रयासों से कई मासूम बच्चों को मदद मिली होगी.


बच्चों के मामलों में सख्ती से निपटने की जरूरत
कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है, आरोपी से सख्ती से निपटने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित बच्ची आरोपी को नानाजी कहती थी, लेकिन उसने उसके विश्वास को भंग कर दिया. आरोपी ने अपराध करते समय खुद की और पीड़ित की उम्र तक का लिहाज नहीं किया. कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपी ने स्नेह दिखाने और उसकी रक्षा करने के बताय उसका यौन शोषण किया.


मां-बच्ची ने दी कोर्ट में गवाही


बच्ची और उसकी मां दोनों ने कोर्ट में गवाही दी. मामला 17 मार्च 2018 का है जब बच्ची  रात में आरोपी की दुकान पर बाइंडिंग के लिए दी गई किताबों को लेने गई थी. जब वह घर लौटी तो उसने रोते हुए मां को बताया कि आरोपी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे गलत तरीके से छुआ. इसके बाद पीड़िता की मां ने अपने पति के साथ आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.


ज्यादा उम्र का मतलब यह नहीं की आरोपी सही है


आरोपी की इस दलील का खंडन करते हुए जिसमें उनसे कहा था कि उसे करीब 2700 रुपए के लिए फंसाया गया है, जो बच्ची के दादा ने उसे दिये थे, अदालत कहा कि पीड़ित के सबूत एक दम सही नजर आते हैं. अदालत ने कहा कि घटना के वक्त आरोपी 72 साल का था इसमें कोई संदेह नहीं, लेकिन यह तथ्य यह साबित नहीं करता कि उसका यौन शोषण का कोई इरादा नहीं था.


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