Mumbai News: मुंबई हाई कोर्ट ने दिवाली के मौके पर हवा की गुणवत्ता अच्छी बनाए रखने का निर्देश दिया है. दिवाली (4 दिन) तक मुंबई में सभी निर्माण कार्य फिलहाल बंद रहेंगे. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि विकास कार्यों से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों की जिंदगी है. कोर्ट ने कहा कि कुछ दिनों के लिए निर्माण बंद कर दिया तो स्वर्ग नहीं गिर जाएगा. राज्य सरकार और बीएमसी के वकीलों की तरफ से अपील के बाद हाइकोर्ट की तरफ से ये कहा गया कि हम अगले चार दिनों तक एयर क्वालिटी इंडेक्स को मॉनिटर करेंगे. अगर चार दिन के बाद भी एक्यूआई कम नहीं हुआ तो अगले चार दिन तक सभी तरह के विकास कार्य को बंद करने का निर्देश दिया जाएगा.


मुंबई में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अब तक क्या कुछ हुआ?


प्रदूषण से जैसे ही मुंबई के लोगों का दम घुटना शुरू हुआ, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सतर्क हो गया. बीएमसी ने मुंबई में 6,000 से अधिक निर्माण स्थलों को प्रमुख प्रदूषक के रूप में पाया और 20 अक्टूबर को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों का आदेश दिया. जिसमें एंटी-स्मॉग गन, निर्माण स्थलों पर छिड़काव, विशेष उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ने के लिए दस्ते, प्रतिदिन 650 किलोमीटर की सभी प्रमुख सड़कों को पुनर्नवीनीकृत पानी से साफ कराना आदि शामिल हैं.


7,000 लोगों के बीच लोकल सर्किल सर्वेक्षण से पता चला कि मुंबई में 78 फीसदी परिवारों में एक व्यक्ति वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से पीड़ित है. 44 फीसदी ने आंखों में जलन का अनुभव किया, 85 फीसदी ने निर्माण स्थलों को और 62 फीसदी ने वाहनों के उत्सर्जन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. 


वायु प्रदूषण के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधि, निर्माण स्थल, अपशिष्ट-जलना, कृषि अवशेष, साथ ही सीमित हवा की गति और भौगोलिक विशेषताओं के कारण प्रदूषकों का फंसना जैसे कुछ प्राकृतिक फैक्टर हैं, जो समस्याओं को बढ़ाते हैं. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने शहर में वायु प्रदूषण के स्तर पर शनिवार (4 नवंबर) को स्वत: संज्ञान भी लिया था. 


Maharashtra Gram Panchayat Elections: इन जिलों में अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट को दिया झटका, जानें अब तक के नतीजे