Mumbai News: मुंबई (Mumbai) में रहने वाले 79 वर्षीय एक बुजुर्ग ज़ीका वायरस (Zika Virus) से संक्रमित हो गए थे. इसके बाद उनका इलाज शुरू किया गया और वह अब पूरी तरह से इससे उबर चुके हैं. यह मुंबई के उपनगर चेंबूर के रहने वाले हैं. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बुधवार को यह जानकारी दी. बीएमसी ने एक बयान जारी कर कहा कि लोग जीका वायरस से घबराएं नहीं, क्योंकि जीका संक्रमण 'स्वयं ठीक होने वाली बीमारी' है.
बीएमसी न कहा कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने पुष्टि की है कि उपनगर चेंबूर में रहने वाले शख्स जीका वायरस से संक्रमित थे. बयान के मुताबिक, उनमें 19 जुलाई को बुखार, नाक बंद होना और खांसी जैसे लक्षण दिखे और उन्होंने डॉक्टर को दिखाया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि मरीज को ठीक होने पर 2 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. मरीज की 20 साल पहले एंजियोप्लास्टी हुई थी और उन्हें मधुमेह, रक्तचाप समेत अन्य बीमारियां भी हैं.
जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति में नहीं दिखते लक्षण
बीएमसी ने अपने बयान में कहा, ‘‘जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति खुद ही ठीक हो जाते हैं और इससे संक्रमित 80 फीसदी लोगों कोई लक्षण नहीं होता है.” बीएमसी ने कहा कि मरीज़ के घर के आसपास स्थित घरों में सर्वेक्षण किया गया लेकिन इसका कोई और मामला नहीं मिला. बयान में कहा गया है कि ज़ीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है जिनके कारण डेंगू और चिकुगुनिया भी होता है. बताया जा रहा है कि जीका वायरस से होने वाला संक्रमण इतना भयानक होता है कि कई बार मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. अगर कोई प्रेगनेंट महिला इससे संक्रमित हो जाए तो गर्भ में पल रहे शिशु की जान पर खतरा हो सकता है.
बता दें कि बीते मई महीने में ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी ने जीका वायरस का टीका बनाया था और उस पर ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया था. इससे पहले इसे जानवरों पर भी आजमाया जा चुका है.
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