Mumbai: मुंबई के अंधेरी का राजा मंडल में करना है दर्शन? ये कपड़े पहना तो नहीं मिलेगी एंट्री, जानें- क्या है पूरा मामला
Mumbai के एक पंडाल ने इस बार दर्शन के लिए खास नियम बना दिए हैं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है. दरअसल इस बार मंडल में दर्शनार्थियों को छोटे कपड़े पहनकर जाने की अनुमति नहीं है.
Mumbai News: मुंबई में अंधेरी का राजा मंडल इस बार दर्शन के लिए बनाए अपने खास नियमों को लेकर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है. दरअसल इस बार मंडल में दर्शनार्थियों को छोटे कपड़े पहनकर जाने की अनुमति नहीं है. इसके साथ ही श्रद्धालु न ही वहां पैसा चढ़ा सकेंगे. वड़ोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस जैसे बन रहे पंडाल को देखने के लिए भी लोगों में खूब उत्सुकता है. यहां के राजा 14 दिन तक रखे जाते हैं. समिति के मार्गदर्शक यशोधर फणसे ने बताया कि इस साल अंधेरी के राजा की स्थापना को 57 वर्ष पूरे हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि पंडाल में दर्शन करने आने वालों से किसी भी प्रकार का धन या चढ़ावा नहीं लिया जाता है, सिर्फ नारियल चढ़ाने की अनुमति है.
पंडाल में दर्शन के लिए स्पेशल ड्रेस कोड
किसी भी खतरे से सुरक्षा के लिए मंडल ने इस साल पंडाल का 5 करोड़ 70 लाख रुपये का बीमा भी कराया है. वहीं समिति ने दर्शन आने वाले लोगों के लिए ड्रेस कोड भी निर्धारित कर दिया है. कोई भी व्यक्ति छोटे कपड़ों में दर्शन नहीं कर सकता. जानकारी के अनुसार पंडाल और अन्य व्यवस्था के लिए 250 से ज्यादा वॉलंटियर तैनात होंगे. पंडाल की थीम वड़ोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस जैसे बनाए जाने के लिए पिछले 2 महीने से दिन रात काम चल रहा है. फणसे ने बताया कि 2 साल पहले गणेशोत्सव का पंडाल लक्ष्मी विलास पैलेस की थीम पर बनाने का निर्णय लिया गया था लेकिन, कोरोना महामारी के प्रतिबंधों की वजह से वह नहीं किया जा सका.
कई जगह सड़कों का काम अधूरा
बता दें कि बप्पा के आगमन में अब सिर्फ 2 दिन ही बचे हैं, लेकिन मीरा-भायंदर में सड़कों की मरम्मत का काम अभी पूरा नहीं हो सका है. महानगरपालिका आयुक्त दिलीप ढोले के आदेश के बाद सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर हो रहा है, लेकिन अब भी मुख्य मार्गों में गड्ढे हैं. इससे सबसे ज्यादा परेशनी गणपति मंडलों को हो रही है. इस बारे में अब तक कई संस्थाएं प्रशासन को शिकायत भी कर चुकी हैं. अभी तक भायंदर (पूर्व) के आरएनपी पार्क, रामदेव पार्क, क्वीन्स पार्क व कई अन्य परिसरों में सड़कों का हाल खस्ता है. गड्ढे में जल्दबाजी के कारण अधूरा काम हो रहा है. इस तरफ कई लोग प्रशासन का ध्यान लाने की कोशिश कर रहे हैं.