Border Dispute: बॉर्डर विवाद पर बोले देवेंद्र फडणवीस, मुंबई महाराष्ट्र की है, 'किसी के बाप की नहीं'
Devendra Fadnavis: देवेंद्र फडणवीस ने सीमा विवाद को लेकर कर्नाटक के नेताओं की टिप्पणियों की निंदा की है. उन्होंने कहा, मुंबई महाराष्ट्र की है और इसपर किसी के भी दावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
Maharashtra Border Row: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के कुछ नेताओं की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि मुंबई “किसी के बाप की नहीं है.” महाराष्ट्र विधानसभा में फडणवीस ने कहा कि राज्य की भावनाओं से कर्नाटक सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराया जाएगा. सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए, विपक्ष के नेता अजीत पवार ने दावा किया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और मंत्री अपनी टिप्पणियों से महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचा रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया उसके माकूल नहीं है.
क्या बोले राकांपा नेता पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने कहा, “ (कर्नाटक के) विधि मंत्री मधु स्वामी ने मांग की है कि मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए. (बीजेपी के विधायक) लक्ष्मण सावदी ने कहा कि मुंबई कर्नाटक की है और उन्होंने मराठी लोगों के घावों पर नमक छिड़का है.” राकांपा नेता ने मांग की कि मुख्यमंत्री कड़े शब्दों में इसकी निंदा करें. फडणवीस ने कहा, “मुंबई महाराष्ट्र की है, किसी के बाप की नहीं है. हम मुंबई पर किसी के दावे को बर्दाश्त नहीं करेंगे और हम अपनी भावनाओं को कर्नाटक सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री के सामने रखेंगे.'
क्या बोले उपमुख्यमंत्री?
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री शाह से ऐसे ‘बड़बोले’ नेताओं को फटकार लगाने का आग्रह किया जाएगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शाह के साथ दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में यह तय किया गया था कि दोनों पक्षों में से कोई भी नया दावा नहीं करेगा. फडणवीस ने कहा, “ कर्नाटक के विधायकों या कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणियां, जो तय किया गया था, उसके विपरीत हैं.
मुंबई पर किसी के भी दावे को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम इसकी निंदा करते हैं. हम इन बयानों की निंदा करते हुए एक पत्र (कर्नाटक सरकार को) भेजेंगे.” उन्होंने कहा कि इसे केंद्रीय गृह मंत्री के संज्ञान में लाएंगे. महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद है.
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद
एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के दोनों सदनों-- विधानसभा और विधान परिषद-- ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से पेश एक प्रस्ताव को पारित किया था. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार बेलगाम, करवार बीदर, निपानी, भाल्की शहरों तथा 865 मराठी भाषी गांवों को महाराष्ट्र में शामिल कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी.
ये क्षेत्र कर्नाटक का हिस्सा हैं. वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करना चाहिए कि जब तक महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा का मसला उसके पास लंबित है, तब तक सभी विवादित क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया जाए.
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने महाराष्ट्र विधानमंडल में पारित प्रस्ताव की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा था कि पड़ोसी राज्य को एक भी गांव नहीं दिया जाएगा. कर्नाटक विधानसभा ने महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद को लेकर पिछले गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें दक्षिणी राज्य के हितों की रक्षा करने और अपने पड़ोसी को एक इंच भी जमीन नहीं देने का संकल्प लिया गया है .
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