Mumbai BEST Bus Accident: महाराष्ट्र के मुंबई में बस हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा और इसकी जड़ बनती जा रही हैं BEST बसें. अब सवाल उठने लगा है कि क्या बेस्ट की प्राइवेट बसें ही मुंबई में होने वाले ज्यादातर हादसों की वजह बन रही हैं? क्या कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए बस ड्राइवर लापरवाही करने लगे हैं? ऐसा मुंबई के लोगों का मानना है. अब मुंबई की जनता में बेस्ट बस का डर दिखने लगा है. 


एबीपी न्यूज की ग्राउंड रिपोर्ट में मुंबई के कुछ लोग, जो बसों में रोजाना यात्रा करते हैं, उनसे बातचीत की गई. इस दौरान मुंबई की जनता में बेस्ट बसों के खिलाफ गुस्सा देखे को मिला. लोगों का कहना है कि बेस्ट बस के ड्राइवर पर डंपर चालक हुआ करते थे. डंपर चलाने वालों को अब बस चलाने दे दी गई है. ये लोग अंदर बैठे पैसेंजर को कंकड़-पत्थर समझते हैं. वहीं, दूसरे व्यक्ति का कहना था कि बेस्ट की प्राइवेट बसों के लिए अनट्रेंड ड्राइवर रखे गए हैं, जिनकी वजह से हादसे होते हैं.


'इलेक्ट्रिक बस सही नहीं'
वहीं, एक शख्स ने अपना मत रखते हुए बताया कि मुंबई में पहले की बसें और ड्राइवर अच्छे हुआ करते थे. इलेक्ट्रिक बसें सड़कों के लिए सही नहीं लग रहीं. रोजाना सफर करने वाले यात्रियों का कहना है कि बस का ट्रेवल उन्हें सस्ता और किफायती पड़ता है, लेकिन पिछले कुछ साल से जिस तरह बस हादसे हो रहे हैं और BEST बसों में संविदा की सुविधा शुरू हो गई है, इससे मुंबई के लोग परेशान और डरे हुए हैं.


एक यात्री ने कहा कि मिट्टी और गिट्टी उठाने वाली डंपर गाड़ी चलाने वाले लोगों को अब बेस्ट की बस चलाने दे दी गई है. ये चालक बस के अंदर बैठे लोगों को गिट्टी-मिट्टी ही समझते हैं. ये लोग बहुत खतरनाक हैं. मुंबई के कई बेस्ट बसों के स्टॉप पर लोगों से बातचीत में ये सामने आया कि बेस्ट ने जब से कॉन्ट्रैक्ट पर बस और ड्राइवर लाया है, तब से डरते-डरते बस का सफर होता है. अब सड़क पर चलने में भी डर लगने लगा है. 


महिला यात्रियों ने एबीपी न्यूज को यह भी बताया कि ड्राइवर बहुत खराब तरीके से बस चलाते हैं, अंदर बैठ कर डर लगता है. इन लोगों को ट्रेनिंग की जरूरत है. 


ड्राइवर्स को नहीं बस चलाने का अनुभव
इसके अलावा, RTI के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई में बेस्ट की ज्यादातर बसें किराए पर हैं. कॉन्ट्रैक्ट पर ड्राइवर और कंडक्टर रखे गए हैं. बेस्ट ने 5 साल में 2160 बसों को स्क्रैप किया है. इसके साथ ही 2126 बसें किराए पर ली हैं. संविदा पर रखे गए ड्राइवर्स को बस चलाने का ज्यादा अनुभव नहीं है और इसी वजह से एक्सीडेंट के मामले बढ़ रहे हैं.


इतना ही नहीं, यह भी बताया जा रहा है कि बेस्ट की बसों को जबसे प्राइवेट किया गया है, तबसे ही हादसे बढ़े हैं. पहले के ड्राइवर की बकायदा ट्रेनिंग होती थी, लेकिन अब नौसिखिये ड्राइवर गाड़ी चला रहे हैं.


3 साल में 240 हादसे
जानकारों की मानें तो जबसे मुंबई में इलेक्ट्रिक बसें शुरू हुई हैं, हादसे बढ़े हैं. क्योंकि इन्हें चलाने वाले ड्राइवर को सही से ट्रेनिंग नहीं मिली है. मुंबई में 3 साल के अंदर बेस्ट बसों की वजह से 240 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. इसमें कई लोगों की जान भी गई है. हादसे में ज्यादातर वो बसें थीं, जो लीज पर ली गई थीं और ड्राइवर कॉन्ट्रैक्ट पर थे.


फिलहाल, सरकारी बसों से बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने ड्राइवर की ट्रेनिंग, उनकी मानसिक स्वास्थ और वाहन की तकनीकी व्यवस्था पर एक योजना बनाई है.


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