Mumbai News: पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र की सियासत में भारतीय नौसेना के पूर्व युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के संरक्षण के नाम पर पैसों के गबन के आरोपों पर जमकर हंगामा हो रहा है. वहीं इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. किरीट सोमैया ने शिवसेना सांसद संजय राउत के आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी 57 पैसे तक का गबन नहीं किया है.


57 पैसे का भी गबन नहीं किया- किरीट सोमैया


दरअसल पूर्व सांसद दक्षिण मुंबई में आर्थिक अपराध इकाई ईओडब्ल्यू के दफ्तर में लगातार दूसरे दिन अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान सोमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नेता संजय राउत के जरिए सेवा से बाहर हो चुके नौसेना पोत विक्रांत के संरक्षण के नाम पर 57 करोड़ रुपये का गबन करने का मुझपर आरोप लगाया है. मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में 57 पैसे तक का गबन या अवैध तौर पर दुरुपयोग नहीं किया है, लेकिन अब मुझपर शिवसेना झूठा आरोप लगा रही है.


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7 अप्रैल को दर्ज किया गया था केस


आईएनएस विक्रांत कोष गबन मामले में ईओडल्ब्यू के अधिकारियों ने सोमैया से सोमवार को तीन घंटे तक पूछताछ की थी. जांच के बारे में बात करते हुए सोमैया ने कहा कि मैंने ‘सेव विक्रांत’ पहल के तहत जमा किए गए कोष से जुड़ी जानकारी संबंधित अधिकारी को दे दी है. जानकारी पहले ही सार्वजनिक है लेकिन जांच के हिस्से के तौर पर, मैंने इसे उनके सामने पेश कर दिया है. दरअसल एक पूर्व सैनिक की शिकायत पर ट्रॉम्बे पुलिस ने आईएनएस विक्रांत को कबाड़ में जाने से बचाने और उसे संग्रहालय में बदलने के लिए क्राउडफंडिंग से इकट्ठा लगभग 57 करोड़ रुपये का कथित रूप से गबन करने के लिए सात अप्रैल को केस दर्ज किया था.


संजय राउत पर साधा निशाना


वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को किरीट सोमैया की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. साथ ही उनसे 18 अप्रैल से चार दिन तक सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच मामले में जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने को कहा था. पूछताछ के बाद सोमैया ने कहा कि अदालत में सुनवाई के दौरान सामने आया वास्तविक सवाल ये है कि संजय राउत किस आधार पर 57 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचे हैं. उनके पास 57 करोड़ रुपये का आंकड़ा देने के लिए कौन सी सूचना है? उन्हें अदालत के सामने ये बताना होगा.


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