BMC में बड़ा खेल! बीजेपी और शिंदे गुट के विधायकों को मिला भरपूर फंड, लेकिन उद्धव गुट, कांग्रेस और NCP को शून्य
Mumbai MLA Fund: मुंबई में बीजेपी और शिवसेना के विधायकों को विकास के लिए फंड तो मिल रहा है लेकिन आरोप है कि विपक्षी दलों के विधायकों फंड नहीं मिला है.
Mumbai News: मुंबई में दो साल से निकाय चुनाव नहीं हुआ है. ऐसे में ये आरोप लग रहे हैं की फंड के मामले में सत्ताधारी विधायकों को विकास के लिए तो पैसे मिले हैं लेकिन विपक्षी दलों के विधायकों को एक भी रुपया नहीं मिला है. बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा में 36 विधायक हैं, जिनमें से 15 बीजेपी के, छह एकनाथ शिंदे (शिवसेना) के, नौ उद्धव गुट (शिवसेना यूबीटी) के, चार कांग्रेस के और एक-एक विधायक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) के हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्तारूढ़ गठबंधन शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी के 21 विधायकों में से हर एक ने दिसंबर 2023 तक धन मांगा और उसे मिला भी. इसके बिल्कुल विपरीत, आरोप है कि 15 विपक्षी विधायकों (उद्धव गुट और कांग्रेस) में से एक को भी कोई पैसा नहीं मिला है. जबकि उनमें से 11 ने फंड मांगा था. यदि धनराशि मंजूर हो जाती, तो इसका उपयोग अलग-अलग विकास कार्यों के लिए किया जाता.
दो साल से नहीं हुआ चुनाव
बजट के मामले में BMC देश में सबसे टॉप पर है. 4 फरवरी को बजट पेश होने के कुछ दिनों बाद 16 फरवरी, 2023 को, बीएमसी ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया कि शहर को चलाने के लिए धन का प्रबंध किया जाएगा. फरवरी 2023 के संकल्प के बाद अनुमोदन नोट में कहा गया, “विधायकों/सांसदों से उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के भीतर विभिन्न विकास कार्यों, बुनियादी ढांचे के कार्यों, सौंदर्यीकरण कार्यों आदि के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए बड़ी संख्या में पत्र प्राप्त हुए हैं. इसलिए, 16 फरवरी, 2023 को प्रशासक द्वारा इस नए प्रावधान के लिए मंजूरी दी गई थी.”
विपक्षी दलों के विधायकों को फंड नहीं?
इस प्रावधान के अनुसार, नागरिक निकाय ने 36 विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में किए जाने वाले नागरिक कार्यों के लिए 1,260 करोड़ रुपये - 52,619 करोड़ रुपये के बीएमसी बजट का लगभग 2.5 प्रतिशत अलग रखा. प्रत्येक विधायक अधिकतम 35 करोड़ रुपये मांगने का हकदार था. हालांकि, फरवरी 2023 और 31 दिसंबर, 2023 के बीच 10 महीनों में, नगर निगम आयुक्त और प्रशासक आईएस चहल ने बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 21 विधायकों को 500.58 करोड़ रुपये वितरित किए, जबकि आरोप है कि विपक्षी विधायकों को कुछ नहीं मिला.
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