मुंबई नाव हादसे में और हो सकता था जान का नुकसान! CISF के जांबाज जवानों ने ऐसे बचाई जिंदगियां
Mumbai Boat Accident: मुंबई में हर दिन की तरह 18 नवंबर को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा के लिए कई नाव जा रही थीं. एक नाव बड़े हादसे का शिकार हो गई.
Mumbai Boat Capsized : मुंबई में बुधवार को हुए नाव हादसे में 13 लोगों को जान चली गई जबकि कई लोगों को बचा लिया गया. इस बचाव कार्य में सीआईएसएफ की तीन जवानों की टीम हीरो बनकर उभरी है जिसने 30 लोगों की जान बचाई. गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप जाने के दौरान नीलकमल नाव हादसे का शिकार हो गई थी. जब यह घटना हुई नाव में 100 से ज्यादा यात्री सवार थे.
हादसा तब हुआ जब नेवी की स्पीड बोट अनियंत्रित होकर यात्री नाव से टकरा गई. नाव में धीरे-धीरे पानी घुसने लगा और यह डूब गई. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जब डिस्ट्रेस कॉल आई थी तब सीआईएसएफ पेट्रोल बोट शेरा-1 दुर्घटनास्थल के करीब थी. कॉन्स्टेबल अमोल मारुति सावंत, विकास घोष और अरुण सिंह रूटीन पेट्रोल पर थे. सूचना मिलते ही वे तुरंत ही अपनी बोट दुर्घटनास्थल की ओऱ लेकर गए.
रिस्क लेकर जवानों ने ऐसे बचाई जिंदगियां
अमोल सावंत ने बताया, ''दोपहर 3.55 बजे कॉल आई और हम 4.05 बजे वहां पहुच गए. जब हम पहुंचे पूरी नाव डूब गई थी. वहां नौ या दस बच्चे थे. जिसे सबसे पहले रेस्क्यू किया गया वह तीन साल का बच्चा था. हमारी प्राथमिकता बच्चों को बचाने की थी.'' अमोल सावंत ने कहा कि उनकी नाव की क्षमता उतनी नहीं थी फिर भी शुरुआत में नाव ने 30 यात्रियों को बचाया और उन्हें जेएनपीटी बोट पर बिठाया. ज्यादातर बचाए गए लोग बेहोश थे और उन्हें सीपीआर दिया गया.
मृतकों में दो बच्चे भी शामिल
राहत कार्य में तेजी लाई गई और फिर नेवी के हेलीकॉप्टर, 11 नेवी क्राप्ट, कोस्ट गार्ड का जहाज और मरीन पुलिस की तीन नाव को इसमें शामिल किया गया. जिन लोगों को बचाया गया उन्हें तुरंत जेटी में उतारकर अस्पताल पहुंचाया गया.गुरुवार सुबह 7.30 बजे 101 यात्रियों को बचा लिया गया था जबकि 13 लोगों को बचाया नहीं जा सका. मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं.
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