लापता भाई की तलाश में अस्पतालों के चक्कर काट रहा शख्स, मुंबई की हादसे वाली नाव में था सवार
Mumbai Boat Accident: कोलाबा पुलिस थाने के बाहर जोगाराम ने कहा कि उनका भाई पश्चिमी उपनगर मलाड में रहता था और वह 'आर्टिफिशियल' आभूषणों का व्यवसाय करता था. हंसाराम बुधवार को हादसे वाली नाव में सवार थे.
Mumbai Boat Accident: मुंबई में 'नीलकमल' नाव हादसे के बाद से जोगाराम भाटी (60) बुधवार से एक भी पल सो नहीं पाए हैं और छोटे भाई की तलाश में वह अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. मुंबई निवासी हंसाराम भाटी (43) राजस्थान के अपने रिश्तेदारों के साथ 'एलीफेंटा' द्वीप घूमने गए थे और तभी बुधवार की दोपहर को मुंबई तट के पास यह हादसा हो गया.
कोलाबा पुलिस थाने के बाहर जोगाराम ने कहा कि उनका भाई पश्चिमी उपनगर मलाड में रहता था और वह 'आर्टिफिशियल' आभूषणों का व्यवसाय करता था. उन्होंने बताया कि बुधवार को हंसाराम के साले के बेटे प्रवीण राठौड़ तथा उसकी पत्नी नीतू राजस्थान से यहां आए थे और वे मुंबई में घूमना चाहते थे.
हादसे वाली नाव में थे सवार
हंसाराम अपने काम से एक दिन की छुट्टी लेकर रिश्तेदारों के साथ 'एलीफेंटा' द्वीप के लिए रवाना हुए और वे लोग गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचकर उस नाव पर सवार हो गए जो दुर्घटनाग्रस्त हो गई. नौसेना के पोत से टक्कर के बाद नाव पलट गयी, इस दौरान प्रवीण और उनकी पत्नी ने बचाव कार्यों के बीच राजस्थान में अपने रिश्तेदारों से फोन पर बात कर घटना की जानकारी दी.
'मैं अपने भाई को वापस चाहता हूं'
जोगाराम ने कहा, "राजस्थान में हमारे रिश्तेदारों ने मुझे बताया और मैं शाम करीब सवा चार बजे गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचा. प्रवीण और उसकी पत्नी को बचा लिया गया, लेकिन मेरा भाई वहां नहीं था." भावुक जोगाराम ने कहा, "मैं नहीं जानता कि वह कैसा है और उसे किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ा होगा, लेकिन मैं अपने भाई को वापस चाहता हूं."
नौकरी दिए जाने की मांग
शहर के गोवंडी क्षेत्र निवासी दीपक वाकचौरे (50) इस हादसे में मारे गए और उनके एक रिश्तेदार ने सरकार से प्रत्येक मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग की है. हादसे में पोत और पर्यटक नाव पर सवार 113 लोगों में से 13 लोगों की जान चली गई थी जबकि घायल दो लोगों सहित 98 लोगों को बचा लिया गया.
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